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क्यों होता हैं डिप्रेशन (अवसाद )? कारण

मनोविज्ञानिको का कहना है कि डिप्रेशन (Depression) या अवसाद एक प्रकार की मानसिक अवस्था है जिसमें व्यक्ति बहुत उदास, दुःखी और  निराश हो जाता है। किसी भी काम में ख़ुशी नहीं मिलती, कुछ भी अच्छा नहीं लगता, कभी शौक और उत्साह से किये काम में भी दिल नहीं लगता।

मनोरोग विशेषज्ञों के अनुसार हमेशा अजीब से दबाव में रहना, बेचैन रहना, अकेले रहने को मन करना, खुद को नाकाबिल समझना, कोशिश करने के बाद भी नकारात्मक विचार बंद न होना, आत्मग्लानि होना, निर्णय न ले पाना, बार बार भूल जाना, एकाग्रता भंग होना, भूख बंद और वजन गिरना या हमेशा भूख लगना और वजन बढ़ना डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं।

इसके अलावा सुबह बहुत जल्द नींद खुल जाना, नींद न आना, सारे दिन सोये रहना, आत्महत्या के विचार आना या आत्महत्या का प्रयास करना जैसी गंभीर बातें भी सामने आ सकती हैं।  इस प्रकार के लक्षण रोज़ाना लगातार दो सप्ताह या ज्यादा समय तक नजर आयें तो इसे डिप्रेशन की बीमारी कहते है।

वैसे हर व्यक्ति कभी न कभी उदास और दुखी हो सकता है या अकेलापन महसूस कर सकता है, इसे डिप्रेशन नहीं कहेंगे।

लेकिन यदि ऐसा लगे की एक गहरे अँधेरे कुए जैसी  स्थिति में फंस गए है जहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा यानि आशा की कोई किरण नजर नहीं आती। ऐसा लगता है मानों परिस्थितियां कभी नहीं बदलेंगी और ऐसा लंबे समय यानि हफ़्तों, महीनो या सालों तक हो जिसका कोई विशेष कारण भी नजर ना आये तो यह डिप्रेशन हो सकता है।

महिलाओं को डिप्रेशन का अधिक सामना करना पड़ता है। लगभग 20 % महिलायें डिप्रेशन से ग्रस्त पाई जाती हैं। पिता के घर में भेदभाव, पति के घर में नया माहौल, मां बनना या नहीं बन पाना, हार्मोन्स में बदलाव,  गर्भावस्था आदि डिप्रेशन के कारण बन जाते है।

इसके अलावा बच्चा होने के बाद महिलाऐं अक्सर डिप्रेशन की शिकार हो जाती है। जिसे पोस्टपोर्टम डिप्रेशन कहते है।

महिलाएं अक्सर खाना, पीना, सोना सब भूलकर सिर्फ शिशु की देखभाल  की चिंता करने लग जाती है। यह भी  डिप्रेशन का कारण बन सकता है।< डिप्रेशन के कारण बचपन में हुआ शारीरिक, मानसिक या यौन शोषण डिप्रेशन का कारण हो सकता है। यौन सम्बन्ध से संतुष्टि नहीं मिल पाना या किसी कारण से अस्थायी नपुंसकता, शीघ्रपतन आदि होना। अनुवांशिक कारण से यानि परिवार में किसी दूसरे सदस्य को ये परेशानी हो। किसी अपने बहुत प्रियकी मृत्यु का दुःख और शोक। रूपये पैसों की समस्या। किसी लंबी बीमारी के कारण जैसेडायबिटीज़,थायरॉइड, दिल की बीमारी, एड्स, गठिया आदि। नई शुरुआत करने की घबराहट जैसे नौकरी या शादी आदि को लेकर चिंता। अलगाव जैसे तलाक, रिटायरमेंट या नौकरी छूटना। किसी बीमारी या किसी और कारण से परिवार या समाज से अलग पड़ जाना। परिवार के लोगों से या दोस्तों से झगड़ा। परिवार में हुए किसी नुकसान के लिए खुद को दोषी मानना। हार्मोन्स का बदलाव आदि।