“मैं पल दो पल का शायर हूं” : साहिर

कविता, गज़ल, शायरी एक ऐसा ज़रिया है जिसके माध्यम से किसी की भी रूह से रिश्ता जोड़ा जा सकता है। यहां शायरी के बेताज बादशाह साहिर का नाम लिया जाए…

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