Poetry Breakfast: शर्मा बंधुओं का ये भजन आज भी तरुवर की छाया जैसा लगता है !

1974 में आई फिल्म परिणय का एक भजन बेहद लोकप्रिय हुआ था, खैर, उस वक्त मैं तो नहीं थी लेकिन बचपन में पिता जी अक्सर टेपरिकॉर्डर में इस भजन को…

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Happiness is Free: “आगे भी जाने न तू, पीछे भी जाने न तू, जो भी है बस यही इक पल है”…

हौसलों की सीढ़ीं पर सपने बुनने से भला कौन आपको मना कर सकता है लेकिन हर एक दिन भी एक target achieve करने के बराबर ही होता हैं। सुबह जब…

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