धर्म एवं आस्था डेस्कः सूर्य की पहली किरण उदय होते है दिन की शुरुआत होती है जो कि हमें सफलता के लिए प्रेरणा भी देती है। सूर्यदेव को हिन्दू धर्म के पंचदेवों में से प्रमुख देवता माना जाता है। हमारे शास्त्रों और सनातम धर्म में सूर्य को ब्रह्मांड की आत्मा कहा गया है। रविवार को सूर्य भगवान की पूजा करने से मनचाही मुराद पूरी होती है और फलदायी भी होता है। जो कोई भी इनकी उपासना करता है उसे ज्ञान, सुख स्वास्थ्य, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, सफलता व प्रसिद्धी आदि की प्राप्ति होती है। रोज़ाना पूजा करने से आस्था और विश्वास पैदा होता है।
कैसे करें सूर्य देव की पूजाः
सुबह स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को नमस्कार करें। इसके बाद एक तांबे के लोटे से ताज़ा पानी भरें तथा नवग्रह मंदिर में जाकर सूर्यदेव को लाल चंदन का लेप, कुमकुम, चमेली और कनेर के फूल अर्पित करें। जो कि उर्जावान होते हैं, सूर्यदेव को इन्हें अर्पित करने से व्यक्ति भी औजस्वीं बनता है। सूर्यदेव की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्जवलित कर, मन में सफलता और यश की कामना करें और ऊं सूर्याय नमः का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल चढ़ाएं व जमीन पर माथा टेककर इस मंत्र का जाप करें।
- सूर्य पूजा व्यक्ति के मन में अहंकार, क्रोध, लोभ, इच्छा, कपट और बुरे विचारों को दूर करती है
- सूर्यदेव की पूजा करने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली कठिनाईयों पर काबू पा लेता है। इससे उनके अंदर शारिरिक और व्यवहारिक धैर्य आता है।
- सूर्य की पूजा इंसान को निडर और बलवान बनाती है साथ ही परोपकारी भी।
- सूर्य पूजा इंसान को विद्वान और बुद्धिमान के साथ-साथ मधुर वाणी वाला बनती है।
- सूर्यदेव की पूजा कोमल और पवित्र आचरण प्रदान करती है।