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Religion & Astrology: माथे पर तिलक लगाने के पीछे भी हैं कई राज़, जानिए वैज्ञानिक पक्ष क्या है ?

धर्म एवं ज्योतिष डेस्कः  हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाने का बड़ा महत्व है, हम किसी भी पूजा या पाठ में बैठते हैं या मंदिर माथा टेकने जाते हैं तो पंडित जी हमारे माथे पर तिलक ज़रूर लगा देते हैं। कहने को तो ये एक साधारण सी बात है जो कि हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी में शामिल हैं क्योंकि हम जानते हैं कि इसे शुभ माना जाता है। माथे के अलावा कई वस्तुओं और पदार्थों पर भी तिलक किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिलक लगाने के पीछे धार्मिक के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक कारण और फायदे भी हैं।

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मनोवैज्ञानिक कारण ये है कि माथे पर तिलक लगाने से समाज में मस्तिष्क हमेशा गर्व से ऊंचा रहता है, व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है और आत्मविश्वास व आत्मबल में भी वृद्धि होती है।

भारतीय प्राचीन परंपरा के अनुसार जब भी कोई धार्मिक व  शुभ कार्य या यात्रा की जाती है तो उसमे सिद्धि प्राप्त करने के लिए देवी की पूजा के बाद तिलक संस्कार किया जाता है। तिलक देवी के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। ये प्रथा पौराणिक काल से ही चली आ रही है क्योंकि ऐसा भी माना जाता है कि तिलक में भगवान विष्णु का वास होता है।

मस्तिष्क के भू-मध्य ललाट में जिस जगह पर तिलक लगाया जाता है इस भाग को आज्ञाचक्र कहा जाता है। जानकारों के अनुसार, माथे के मध्य में जहां तिलक लगाया जाता है वहां पीनियल ग्रंथि होती है, तिलक लगाते समय उसे छूने से मस्तिष्क के अंतर ऊर्जा की अनुभूति होती है।

 ज्योतिषों के अनुसार तिलक लगाना शुभ तो होता ही है उसके फायदे भी बहुत हैं। उनके मुताबिक माथे पर तिलक लगाने से मनुष्य का व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है इससे व्यक्ति के चहेरे पर तेज आता है।

तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है। इतना ही नहीं कई तरह के ग्रहों की शांति में भी माथे पर लगा तिलक कारगर साबित होता है, जिसके चलते कई बार संकटों से बचाव होता है। साथ ही पूजा में सिद्धि की प्राप्ति होती है। पुण्य की फल की कामना की पूर्ति होती है।

वैज्ञानिकों के अनुसार माथे पर तिलक लगाने से हमारे अंदर सकारात्मक सोच का निर्माण होता है। माथे पर तिलक लगाने से सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्त्राव संतुलित तरीके से होता है। इसके चलते हमारे मन में उदासीनता नहीं आती और शरीर में उत्साह बना रहता है, जिससे हमारा मन सकारात्मक कार्यों में ज्यादा लगता है।

तिलक लगाने से सिरदर्द की समस्या में भी कमी आती है। साथ ही इससे हमारे अंदर उत्तेजना व आत्मविश्वास भी बढ़ोत्तरी होती है।

माथे पर तिलक लगाने से मन स्थिर व शांत भी रहता है। यह मस्तिष्क से जुड़ी बिमारियों जैसे तनाव आदि से भी बचाता है।

हल्दी का तिलक लगाने से त्वचा की शुद्धि होती है और हल्दी में पाए जाने वाले एंटी बैक्टिरियल तत्व रोगों से मुक्त करते हैं।

आमतौर पर तिलक कई चीजों से लगाया जाता है जैसे चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि। भारत में हर संप्रदाय में अलग-अलग तिलकों का प्रयोग करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार चंदन का तिलक पापों से मुक्ति देता है।