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Religion & Astrology: शंख की ध्वनि से होते है कई चमत्कारी लाभ, दक्षिणावर्ती शंख बजाने से मां लक्ष्मी होती है प्रसन्न, जानिए

धर्म एवं आस्था डेस्कः हिंदू धर्म में कोई भी धार्मिक कार्य या पूजा में शंख बजाना बड़ा ही शुभ मानागया है। मान्यता अनुसार कोई शुभ कार्य या पूजा-पाठ में तीन बार शंख बजाकर हीशुभारंभ करने से वातावरण की सारी अशुद्धियां समाप्त हो जाती है और जहां तक शंख कीध्वनि गूंजती है वहां तक कोई भी नकारात्मक ऊर्जा अपना प्रभाव नहीं बना पाती। इससेवातावरण शुद्ध होता है व देवता भी आकर्षित होते हैं साथ ही पूजा के समय रखी गईविविध वस्तुओं में चेतना का प्रवाह होता है और पूजा सार्थक होती है।

शंख मुख्य रूप से एक समुद्री जीव का ढांचा होता है लेकिन ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय निकलने वाले चौदह रत्नों में से एक रत्न शंख भी था। माता लक्ष्मी भी समुद्र मंथन के समय ही समुद्र से निकली थी इसलिए उन्हें शंख बेहद प्रिय है।

इसे स्वास्थ्य के साथ जोड़कर भी देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शंख बजाने से कुंभक, रेचक तथा प्राणायाम क्रियाएं भी एक साथ होती हैं जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है इससे वाणी दोष भी समाप्त होता है। दरअसल ये कैल्शियम कार्बोनेट से बना होता है। माना जाता है कि यदि शंख में रातभर गंगाजल भरकर प्रातः सेवन किया जाए तो शरीर में कैल्शियम तत्व की कमी नहीं होती और कईयों का मानना है कि यदि चूने का पानी रातभर शंख में डालकर रखा जाए और सुबह सेवन किया जाए तो भी कैल्शियम की कमी दूर होती है। हमारे आयुर्वेद के अनुसार, शंख की भस्म के औषधीय गुण हैं। इसकी भस्म के प्रयोग से हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, मंदाग्नि, मस्तिष्क और स्नायु तंत्र से जुड़े रोगों में लाभ मिलता है। लयबद्ध ढंग से शंख बजाने से फेफड़ों को मजबूती मिलती है, जिससे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन का प्रवाह होने से रक्त भी शुद्ध होता है।

शंख कई प्रकार के होते हैं व उनकी पूजा विधि भी अलग-अलग प्रकार की होती है। शंख की आकृति के आधार पर सामन्यतः इसके तीन प्रकार माने जाते हैं

 ये तीन प्रकार के होते हैं – दक्षिणावृत्ति शंख, मध्यावृत्ति शंख तथा वामावृत्ति शंख

 भगवान् विष्णु का शंख दक्षिणावर्ती है और लक्ष्मी जी का वामावर्ती 

 वामावर्ती शंख अगर घर में स्थापित हो तो धन का बिलकुल अभाव नहीं होता 

 इसके अलावा महालक्ष्मी शंख, मोती शंख और गणेश शंख भी पाया जाता है ऐसा माना जाता है कि दक्षिणावर्ती शंख को धन लाभ व सुख समृद्धि के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा में या पूजा घर में शंख को रखना चाहिए व प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए। नवग्रह पूजा व पितृ दोष के असर से बचने के लिए भी दक्षिणावर्ती शंख को उपयोगी माना जाता है। यदि पितृ दोष के असर से बचने के लिए दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर आमावस्या और शनिवार के दिन दक्षिण दिशा में मुख करते हुए तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं, ऐसा करने से गृह कलेश, कार्यों में बाधा, संतानहीनता और धन की कमी जैसी समस्याएं दूर होती हैं।