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धर्म एवं आस्थाः हिंदू धर्म में नारियल को इतना पवित्र क्यों माना जाता है, जानिए क्या है मान्यताएं !

धर्म एवं आस्था डेस्कः हिंदू धर्म में नारियल को महत्वपूण स्थान प्राप्त है। इसके बिना किसी भी देवी या देवता की पूजा को अधूरा माना जाता है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अवतार लिया तो वे अपने साथ जीन चीज़ें लाए- लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष व कामधेनु। इसलिए नारियल को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। वैसे श्रीफल भगवान शिव का प्रिय फल है। खास बात ये भी है कि नारियल पर बनी हुई तीन आखों को त्रिनेत्रधारी भगवान शिव के त्रिनेत्रों से तुलना की जाती है।

भगवान को नारियल चढ़ाने से धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसे सौभाग्य, समृद्धि, मान-सम्मान और उन्नति का प्रतीक माना जाता है।

नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता है। अगर आप प्रसाद के रूप में नारियल को खाते हैं तो इससे शरीर की दुर्बलता दूर होती है।

इसको सम्मान के रूप में शॉल के साथ दिया जाता है। बहनें रक्षाबंधन पर भाइयों को राखी बांधकर नारियल देने के साथ रक्षा का वचन लेती हैं। नारियल को पूजा में चढ़ाने के बाद इसको केवल पुरुष फोड़ते हैं। इसके निकलने वाले जल से भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक किया जाता है। यह भी एक तथ्य है कि महिलाएं नारियल नहीं फोड़तीं क्योंकि नारियल बीज रूप है, इसलिए इसे उत्पादन (प्रजनन) क्षमता से जोड़ा गया है। स्त्रियां प्रजनन की कारक हैं और इसी वजह से स्त्रियों के लिए बीज रूप नारियल को फोड़ना वर्जित किया गया है।

नारियल को बली का प्रतीक भी माना जाता है। आमतौर पर नारियल को फोड़कर ही देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है। पहले देवी-देवताओं को खुश करने के लिए बलि देने की परंपरा थी, जब इस परंपरा पर कानूनी रोक लगी तो लोगों ने नारियल को बलि के रूप में चढ़ाना शुरु कर दिया।

ताजा नारियल में कैलोरी भरपूर मात्रा में पायी जाती है। इसकी तासीर ठंडी होती है।
इसमें पाए जाने वाले अनेक तत्व हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

मंगलवार के दिन हनुमानजी की प्रतिमा के सामने श्रीफल को अपने सिर पर 7 बार, वार करके फोड़ने से आप पर पड़ी बुरी नजर का असर समाप्त हो जाता है।

सोते समय नारियल पानी पीने से नाड़ी संस्थान को बल मिलता है तथा नींद अच्छी आती है।

इसके पानी में पोटेशियम और क्लोरीन होता है जो मां के दूध के समान होता है।