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धर्म एवं आस्थाः मंकर संक्रांति 2019: जानिए ये दिन इतना पवित्र क्यों, इस दिन दान करने से क्या लाभ मिलता हैं ?

धर्म एवं आस्था डेस्कः  हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के त्योहार का बहुत बड़ा महत्व है। ये त्योहार सूर्य देव को समर्पित है। मकर संक्रांति पर सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर आते हैं और इसके बाद खरमास समाप्‍त होता है। ये माना जाता है कि खरमास में कोई भी मांगलिक काम नहीं किए जाते लेकिन इनके खत्‍म होते ही सभी शुभ कार्यों का योग शुरू होता है। मकर संक्रांति को सर्दियों के मौसम का अंत भी माना जाता है, और सर्दियों की तुलना में, इस दिन के बाद लंबे दिनों की शुरुआत हो जाती है।

वहीं शास्त्रों में उत्तरायण के समय को देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा गया है। इस तरह मकर संक्रांति एक तरह से देवताओं की सुबह मानी जाती है। इस दिन लोग सूर्य देव को खुश करने के लिए अर्घ्य देकर उनसे प्रार्थना करते हैं। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने से उसका सौ गुना फल प्राप्त होता है।

इस दिन भगवान सूर्यदेव धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो इस वर्ष मकर संक्रांति पौष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को पड़ेगी। 14 को रात्रि में 02 बजकर 10 मिनट पर सूर्य मकर में प्रवेश करेंगे। 15 जनवरी को उदय तिथि पड़ने के कारण मकर संक्रांति 15 को ही मनाई जानी चाहिए। मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी प्रातःकाल से सूर्यास्त तक रहेगी। पूरे दिन पर्व का शुभ मुहूर्त है।

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माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन तिल का दान या तिल से बनी सामग्री ग्रहण करने से कष्टकारी ग्रहों से छुटकारा मिलता है। संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है। मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध तथा अनुष्ठान का बहुत महत्व है। कहते हैं कि इस मौके पर किया गया दान सौ गुना होकर वापस फलीभूत होता है। मकर संक्रान्ति के दिन घी-तिल-कंबल-खिचड़ी दान का खास महत्व है।

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इस दिन प्रातः उठकर पवित्र नदी में स्नान करके भगवान सूर्य को जल अर्पित कीजिये। श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का तीन बार पाठ कीजिए।

गरीबों में खिचड़ी, कम्बल तथा ऊनी वस्त्र बाटें-
इस दिन दान करने से सूर्य तथा शनि दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए इस महापर्व पर दान का बहुत महत्व है। इस दिन गुरु गोरखनाथ जी को खिचड़ी चढ़ाई जाती है व घरों में खिचड़ी बनाई जाती है। तिल के लड्डू का प्रयोग भी होता है। गरीबों को ऊनी वस्त्र या कम्बल का दान करें। गरीबों को खिचड़ी खिलाएं।