You are currently viewing Happiness is Free: ज़िंदगी के ये सूत्र अगर गांठ बांध लें तो ज़िंदगी इतनी बुरी भी नहीं !

Happiness is Free: ज़िंदगी के ये सूत्र अगर गांठ बांध लें तो ज़िंदगी इतनी बुरी भी नहीं !

File: किसी नदी के पास बैठकर उसे बहते देखना कितना खूबसूरत अहसास होता है न ?  मेरा ये सौभाग्य है कि मैने कई बार गंगा घाट पर बैठकर गंगा को बहते देखा है। एक अदभुत शांति को महसूस किया है। कैसे शांत, निर्मल, निश्छल, सौम्य सी बहती है गंगा। क्या आपको ऐसा नहीं लगता जैसे ज़िंदगी भी एक नदी की तरह हैं! जो लगातार बिना रुके, बिना थमें बहती ही जा रही है। जैसे नदी का काम है बहना और बहकर अपने अंत, यानि समंदर में जाकर मिलना। उसके रास्ते में चाहे कितनी भी बाधाएं आए, कितने ही डैम आएं, ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुज़रती हुई वो अपना रास्ता बनाती आगे बढ़ती ही जाती है। कभी तीव्र, कभी शांत, कभी मध्यम वेग से लहराती हुई वो अपनी मंज़िल से जा ही मिलती है। ठीक वैसे ही हमारी ज़िंदगी है, जिसमें कितनी ही बाधाएं, कितनी ही कठिनाईयां आती हैं लेकिन उसे हर हाल में आगे बढ़ना ही है, वो भी संघर्षों को पार करती हुई, अपने नए रास्ते बनाती हुई निरंतर अपनी गति से आगे बढ़ती है, अब चाहे उसे हंस कर जी लो या रो कर, उसे तो आगे बढ़ना ही है। दरअसल, खुशहाल ज़िंदगी जीने के भी कुछ मंत्र होते हैं अगर हम सब वो गांठ बांध लें तो दोस्तों ज़िंदगी इतनी बुरी भी नहीं। आइए जानते हैं क्या हैं वो मंत्र-

  • दूसरों से कभी ज्यादा अपेक्षाएं मत रखें क्योंकि जब ये अपेक्षाएं पूरी नहीं होती तो हमें दुख होता है और दूसरों के प्रति अलगाव आता है।
  • वक्त की कीमत समझें, वक्त कभी वापिस नहीं आता, इसलिए वक्त का सही इस्तेमाल वक्त रहते कर लेना चाहिए ताकि बाद में आपको कोई पश्चाताप न हो। इसलिए अपने और दूसरों के लिए हमेशा अच्छा ही करने की कोशिश करें।
  • पूर्वाग्रह से दूर रहें, हमेशा शक न करते रहें, जो आपका है वो आपका ही रहेगा, और जो आपका नहीं है उसे रोक कर करेंगे भी क्या? इसलिए रिलैक्स्ड मूड में रहने की कोशिश करें।
  • ये तो कई बार आपने सुना ही होगा कि “मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है”, परिवार और समाज के बिना हमारा गुज़ारा नहीं इसलिए ज़िंदगी में रिश्तों की अहमियत समझें, उनमें विश्वास की डोर पक्की बनाएं, तो दरार पड़ने की संभावना कम हो जाती है।
  • आपसे अगर कोई गलती हो जाए तो उससे सबक लें व उसे दोहराएं नहीं। इंसान गलतियों का पुतला है, गलती होगी नहीं तो सीखेंगे कैसे? इसलिए पश्चाताप की बजाए उसे सुधारने कोशिश करें।
  • मुश्किलें किसकी ज़िंदगी में नहीं आती, उससे घबराकर ऐसा तो नहीं कि आप कोई नया चैलेंज लेंगे ही नहीं बल्कि मुश्किलें आने पर अपने आप को सकारात्मक बनाए रखें इससे आपको मुश्किलों से लड़ने के लिए पोजिटिव एनर्जी मिलेगी।
  • हमेशा आगे की सोचें बीते हुए के बारे में सोच-सोच कर अपने आप को तनाव और डिप्रेशन के अलावा कुछ और मिलने वाला है नहीं। इसलिए अपने उज्जवल भविष्य के बारें में फोकस करें, क्रिएटिव काम भी ज़रूर करें ताकि आपका ध्यान बेकार की बातों पर न जाए।