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धर्म एवं आस्थाः अगर आपको अपशब्द बोलने की आदत है तो आप इन ग्रहों से हो सकते हैं प्रभावित ! जानिए कैसे सुधारें अपशब्द बोलने की आदत !

धर्म एवं आस्था डेस्कः ये आमतौर पर देखा गया है कि ज़रा सा गुस्सा आने पर ज्यादातर लोग भड़क जाते हैं और अपशब्दों का इस्तेमाल करने लग जाते हैं। यहां तक कि बात-बात पर उल्टा-सीधा बोलने की आदत और गाली गलोच करना कितना नकारात्मक प्रभाव डालता है, शायद ये आप भी नहीं जानते होंगे। यदि ज्योतिष के नज़रिए से देखें तो ऐसे लोग कई अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो सकते हैं जो दिन-ब-दिन  अपशब्द बोलने या दूसरे की निंदा करने से और भी खराब होते जाते हैं।

दरअसल, कुंडली का दूसरा, तीसरा और आठवां भाव वाणी से सम्बन्ध रखता है। आपकी कुण्डली के इन भावों में यदि अशुभ ग्रह बैठे हैं तो इसका आपकी वाणी पर असर पड़ता है जैसे इन भावों में यदि दूषित ग्रह राहु और मंगल बैठे हों तो आपकी वाणी को दूषित कर देंगे। इनके प्रभाव से व्यक्ति अंट शंट बोलने लगता है। शनि का प्रभाव होने से अपशब्द बोलने की आदत पड़ जाती है। बुध के दूषित होने पर भी व्यक्ति अपशब्द बोलता है हालांकि ऐसी दशा में व्यक्ति अपशब्द हमेशा नहीं बोलता।

अपशब्द बोलने के परिणाम क्या हो सकते हैं ?

– अपशब्द बोलने से व्यक्ति की आर्थिक हालत खराब होने लगती है और घर में धन की कमी हो जाती है।

– हमेशा बुरा या अपशब्द बोलने वाले व्यक्ति को गले या मुंह की बीमारीयों की संभावना भी होती है

– इनका बुध कमजोर होता जाता है। जिस वजह से याददाश्त और बुद्धि की समस्या भी हो जाती है।

– जीवन का पतन होने लग जाता है।

कैसे सुधारें अपशब्द बोलने की आदत ?

– प्रातःकाल सूर्य को अर्घ्य देना शुरु करें, साथ ही बोल बोलकर गायत्री मन्त्र का जप करें

– प्रातःकाल तुलसी के पत्ते जरूर खाएं और खान पान को हमेशा शुद्ध रखें। हरे रंग का प्रयोग करना भी लाभकारी होगा।

-भोजन में दूध से बनी हुयी चीज़ों की मात्रा बढ़ा दें व सात्विक भजन करें।

– किसी ज्योतिष की सलाह लेकर एक लेब्राडोराइट धारण कर सकते हैं।

 

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