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धर्म एवं आस्थाः मंत्रों के सही उच्चारण से क्या लाभ मिलता है ? जानिए

धर्म एवं आस्थाः हिंदू धर्म में जहां एक तरफ पूजा-पाठ, जप-तप का विशेष महत्व है वहीं पुराणों में मंत्रों की असीम शक्ति के बारे भी वर्णन मिलता है। मंत्रों से विशेष कृपा व सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।  मंत्रों से कई तरह के विचारों को खत्म करते मन में मात्र एक विचार का निर्माण किया जाता है जिससे साधक का मन एक ही दिशा की ओर केंन्द्रित हो जाता है। यदि किसी मंत्र को लगातार उच्चारण किया जाए तो वह सिद्ध हो जाता है। लेकिन किसी भी मंत्र की सिद्धी के लिए ये ज़रूरी है कि उस मंत्र को गुप्त रखा जाए। यदि मंत्र उच्चारण करते समय आपके पास कोई बैठा है तो मानसिक जप करें। मंत्रों की साधना भी बड़ी ही सख्त होती है यदि मंत्र के नियमों का पालन किए बिना उच्चारण किया जाए तो उसके परिणाम भी बड़े घातक हो सकते हैं। इसलिए अपने गुरु से मंत्र के नियम जानें बिना उन्हें नहीं करना चाहिए अन्यथा कई घंटे किया गया जाप भी व्यर्थ हो सकते है। मंत्रों की गरिमा इतनी है कि मंदिर में रखी गई भगवान की मूर्तियां बिना मंत्रों के अपना प्रभाव नहीं देती कोई यंत्र भी बिना मंत्रों के सिद्ध नहीं होता। मंत्रों के उच्चारण से वाणी, काया व विचार प्रभावशाली बनते हैं।

अपने ईष्ट की कृपा पाने के लिए साधक को यह चाहिए कि मंत्र जाप शुरु करने से पहले दीक्षा, स्थान, समय, मंत्र-जप संख्या, आसन, माला वस्त्र, हवन सामग्री आदि वस्तुएं साफ व स्वच्छ हों, सभी नियमों का पालन दृढ़तापूर्वक करें यदि ज़रा सी भी गलती हो जाए तो साधना निष्फल हो जाती है।