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Happiness is Free: बेरंग होते प्यार के रंग…!

कुछ साल पहले नोएडा में एक टीवी चैनल में मैं स्पेशल कॉरेसपोंडेंट कार्यरत थी..ये शायद साल 2013 या 14 की बात है…एक दिन ऑफिस में आचानक एक महिला आ पहुंची…..बॉस के सामने गिड़गिड़ा रही थी कि मुझे इंसाफ चाहिए…मेरी मदद करो। अपने एक साल के बच्चे को गले से लगाए चैनल से मदद मांगने आई थी वो…. उस महिला की मदद करने और पूरे मामले को इन्वेस्टिगेट करने का जिम्मा मुझे दिया गया….जैसे ही मैं केबिन में उससे मिलने गई उसकी हालत कुछ अजीब सी दिखी…गोद में नन्हा सा बच्चा सो रहा था और वो लगातार रोती जा रही थी… साथ-साथ अपने आप से बातें भी करती जा रही थी….बड़ी ही घबराई हुई….बेचैन सी….उसके चेहरे पर मासूमियत….आंखों पर चश्मा….रंग गेहूंआ.. इतनी सुंदर नहीं थी वो…..लेकिन दिखने में पढ़ी-लिखी और अच्छे परिवार से लग रही थी….वो शादीशुदा थी…और कह रही थी कि वो अपने पति से मिलना चाहती है….लेकिन उसका रिश्ता अब कोर्ट, कचहरी तलाक तक जा पहुंचा था….असल में वो इसी बात को लेकर सदमें में थी कि उसे उस घर से निकाला क्यों जा रहा है ??….

बच्चे की डिलीवरी के लिए उसे मायके भेजा गया था… जब वो मां बनी तो उसके ससुराल से बच्चे को कोई देखने तक नहीं आया…कुछ दिनों बाद जैसे ही वो संभली और चलने फिरने लायक हुई तो अपने बच्चे को लेकर अपने ससुराल पहुंची लेकिन उसके ससुराल-घर के बाहर ताला लगा था…उसने आस-पास उनके बारे पूछा…फोन किए …लेकिन न ही कोई फोन उठाता था और न ही किसी को पता था कि वो लोग कहां गए हैं। कुछ दिनों बाद उसके पास सम्मन पहुंच गए थे कि उसके पति को तलाक चाहिए….वो इसी बात को लेकर ही सदमें में थी कि उसे छोड़ा क्यों जो रहा है….इसी बीच मायके, ससुराल, कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटते-काटते उसे एक वर्ष बीत चुका था…लेकिन उस दिन भी उसे यहीं इंतज़ार था कि उसके पति तो उसे बहुत प्यार करते थे वो ऐसा नहीं करना कर सकते…एक बार आप मुझे उनसे मिलवा दें।

वैसे वो खुद वेल-एजुकेटिड और सरकारी स्कूल में पीजीटी टीचर थी….सक्षम थी….हमने भी जितनी उसकी मदद हो सकती थी की…चाहे वो पुलिस के द्वारा हो सकती थी…या फिर लड़के के परिवार व रिश्तेदारों से मिलने तक..लाइव कवरेज करने तक….इनवेस्टिगेशन के दौरान हमें पता चला कि अब वो उसे अपने साथ नहीं रखना चाहते और न ही बच्चे को अपनाना चाहते हैं। उसका नाम था ममता। न जाने अब वो कहां होगी…उसका क्या हुआ होगा….पता नहीं…उसक फोन नंबर भी चेंज हो चुका है…दोबारा उसका पता लेने की कोशिश भी की लेकिन उसका कोई पता नहीं कि अब वो कहां है….. आज भी उसके आंसू…उसकी तड़प….उसकी अपने पति को देखने की चाह…आंखों के सामने आ जाती है….उस दिन कैसे वो बार-बार कह रही थी कि उसके पति तो उसे बहुत प्यार करते हैं… वो मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते…शायद उनके परिवार वालों ने उनपर दबाव बनाया होगा। मैं उनके बिना कैसे जीऊंगी….मैने अपनी लाइफ में सिर्फ उन्हीं से प्यार किया है…मैडम प्लीज़ मुझे एक बार उनसे मिलवा दो…मैं उन्हें एक बार देखना चाहती हूं…. आसपास के कुछ लोगों से सुनने में आया था कि वो मानसिक रोगी हो चुकी है अगर ये सदमें से नहीं निकली तो शायद इसे पागलखाने भी भेजना पड़ सकता है।

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जब उसके ससुराल वाले काफी कोशिशों के बाद मुझसे मिलने के लिए राज़ी हुए तो पता चला कि वो अब उसे अपने पास रखना नहीं चाहते…..उससे पीछा छुड़ाना चाहते हैं…. उनसे बातचीत करने पर कुछ इस तरह की बातें भी सुनने को मिली कि…”वो काफी झगड़ालू किस्म की है…वो उनके स्टैंडर्ड की नहीं है.. वो उससे काफी परेशान हैं….सकी हरकतों की वजह से हमारे लड़के को उसके साथ चलते शर्म आती है बलां बलां…जो आमतौर पर हर कोई अपने पक्ष को मजबूत रखने के लिए करता है। हो सकता है कि ममता से भी कुछ गलतियां हुई हों…पता नहीं…खैर, उस रिश्ते का अंत तो तलाक ही होना था मामला जो इतना बिगड़ चुका था…

वैसे आज के समय में तलाक होना आम सा बात हो गई है ऐसा आए दिन हम अखबारों की सुर्खियों में तलाक के हैरान कर देने वाले आंकड़े सुनते हैं….लेकिन बात यहां कुछ और है….वो ये है कि ममता मानसिक रोगी हो गई…उसका जिम्मेदार कौन….उसका प्यार इतना खतरनाक हो गया कि उसको पूरी ज़िंदगी का रोग दे गया। आपको पता है कि वो अपनी शादी की एलबम भी अपने साथ लेकर घूमती थी….उसकी पहले की तस्वीरें भी देखी दो साल पहले तक वो दिखने में बेहद खूबसूरत थी…समझदार, चुलबुली सी और ज़िंदगी से भरपूर। उसका अपने पति के लिए ऑवर सेंसेटिव होना..और पागलों की हद तक प्यार करना उसे डिप्रेशन और अवसाद में ले गया….असल में हर किसी की ज़िंदगी में शादी सबसे हसीन तोहफा होता है जिसके ख्वाब देखते-देखते हर कोई जवां होता है…अपनी दुल्हन या दूल्हे के रूप में एक अनदेखा सा चेहरा और छवि हमारे ज़हन में बचपन से जवान होने तक एक सपनों का घर सा सजा लेती है….

लेकिन जो प्यार को प्रेक्टिकल न देखते हुए उसके प्रति बेहद ईमानदार व ऑवर सेंसेटिव होते हैं उन्हें प्यार में धोखा मिलने पर सदमा थोड़ा ज्यादा गहरा लगता है और कभी कभार ये सदमा इतना घातक हो जाता है कि अपने साथ कई ज़िंदगियां ले डूबता है। आजकल तो लोग शादी जैसे पवित्र बंधन को भी इतना प्रेक्टिकल होकर देखने लगे हैं कि शुरु से ही हर बात की रिकॉर्डिंग रखने लगे हैं…ज़रा सोचिए हमारे परंपराओं, भावनाओं, संस्कारों, रिश्ते-नातों को जन्म जन्मांतर के संबंध समझे जाने वाले देश में भी अब कितना बदलाव आ चुका है कि जहां रिश्तों को एक कॉन्ट्रेक्ट की तरह से देखा जाने लगा है। जिसमें कुछ लोग तो इतने माहिर होते हैं जो बड़ी ही अदा से अपना हाथ छुड़ा लेते हैं….जिनमें कई तो रिश्तों के टूटने से पूरी ज़िंदगी के लिए बिखर जाते हैं…

ममता के पति ने ऐसे मोड़ पर उसे छोड़ा जब कोई औरत मानसिक तौर पर बहुत कमज़ोर होती है बच्चे के पैदा होने पर कई तरह का स्वभाव में चेंजिज़, हारमोनल चेंजिज़, पोस्ट डिलीवरी के साइज इफेक्ट्स से कोई भी महिला जूझ रही होती है ऐसे में उसे ऐसी स्टेज पर लाने वाला अगर साथ छोड़ दे तो स्वाभाविक है कि झटका असहनीय होता है। आज ऐसी कितनी ही ममता और हो सकता है ऐसे कितने ही लड़के भी इसी प्यार की बेवफाई में मानसिक बिमारी के शिकार हैं या ज़िंदगी और मौत की जंग में जूझ रहे हैं…

मेरा मकसद आपसे इस विषय पर बात करने का सिर्फ यहीं है कि किसी भी रिश्ते के बिखरने में कारण चाहे जो भी रहें हों दिल से ज्यादा दिमाग से सोचने की ज़रूरत है। प्यार के टूटने का दर्द इस कदर अपने ऊपर हावी न होने दे कि पागलपन या मानसिक विकारों की जकड़ में आप जकड़े जाएं…सकारात्मक होकर आप क्या नहीं कर सकते हैं…हादसे ज़िंदगी में होते हैं उनसे उबरने का होसला आपको फिर से एक नईं ज़िंदगी दे सकता है। प्रेम को एक खूबसूरत अहसास की तरह लें…जिसकी यादों की महक आपको और भी अच्छा बना दें…न कि पागल…!

मनुस्मृति लखोत्रा