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धर्म एवं आस्थाः मलेशिया में है भगवान कार्तिकेय के मुरुगन रूप का भव्य मंदिर, जानिए ?

धर्म एवं आस्था डैस्कः भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय उनके ज्येष्ठ पुत्र हैं। कार्तिकेय जी का एक और नाम ‘मुरुगन’ है। दक्षिण भारत व तमिलनाडु में उनकी पूजा कुलदेवता के रूप में की जाती है। खासतौर पर तमिलनाडु में उन्हें रक्षक देवता माना जाता है। पूरे विशव में जहां भी तमिल भाषी निवास करते हैं जैसे- श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि वहा मुरुगन स्वामी की पूजा की जाती है। उनके इसी रूप के कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जिनकी वहां विशेष मान्‍यता है। मुरुगन के छः सबसे प्रसिदिध मंदिर तमिलनाडु में स्थित हैं जिन्हें तमिल ‘तमीज़ कादुवुल’ यानिकि तमिलों के देवता कहकर संबोधित करते हैं।

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मलेशिया का गुफा मंदिर

ऐसा माना जाता है कि किसी समय मलेशिया भी वृहत्‍त भारत का हिस्सा हुआ करता था। यहां कई प्राचीन गुफा मंदिर हैं, जिनमें हिंदु देवी देवताओं की मूर्तियां पाई जाती हैं। इन्‍हीं में से एक है देवी पार्वती के बेटे भगवान मुरुगन का गुफा मंदिर। यहां पर भगवान मुरुगन के जन्म दिवस से रूप में थाईपूसम नामक उत्सव भी मनाया जाता है। यहां गुफा में भगवान मुरुगन की लगभग 43 मीटर ऊंची मूर्ति है। यहां पर थाईपूसम त्योहार 10 महीने में एक बार मनाया जाता है। इस मौके पर कुछ श्रद्धालु अपनी भक्ति व्यक्त करने के लिए कील और कांटे से अपनी त्वचा में छेद भी कराते हैं। ऐसी मान्यता है कि थाईपूसम के दिन भगवान मुरुगन की मां देवी पार्वती ने उन्हें जैत्यों से लड़ने के लिए शक्तिशाली शूल दिया था।