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Way to Spirituality: आध्यात्मिक व्यक्ति में किन गुणों का होना आवश्यक है ?

अध्यात्म डैस्कः अध्यात्म को जानने और समझने की हरेक की अपनी-अपनी सोच व परिभाषाएं हैं। ज्यादातर लोग धार्मिक होना व आध्यात्मिक होने में फर्क नहीं कर पाते। उन्हें खुद ही पता नहीं होता के वो आध्यात्मिक हैं या धार्मिक, इसलिए ईश्वर को मानना या पूजा-पाठ करना, धार्मिक स्थलों पर जाना ही आध्यात्मिक होना समझ लेते हैं। लोगों का मानना है कि धार्मिक हुए बिना आध्यात्मिक हुआ ही नहीं जा सकता और कईयों का मानना है कि धार्मिक हुए बिना भी आध्यात्मिक हुआ जा सकता है।

आध्यात्मिक व्यक्ति की सबसे पहली पहचान ये होती है कि सत्य, न्याय और आदर करने वाला, निकृष्ट जीवन से उत्कृष्ट जीवन की ओर बढ़ने वाला होता है। एक आध्यात्मिक व्यक्ति को भौतिक वस्तुओं का सुख, सांसारिक अशुद्धताएं, इन्द्रिय भोग की लालसा प्रभावित नहीं कर सकती। वह हमेंशा ज्ञान की खोज में रहता है। उसका मन विषय विकारों में नहीं लगता। वो सकारात्मक लोगों का साथ पसंद करता है। आत्म ज्ञान की खोज उसे प्रतिदिन कुछ नया सोचने व करने के लिए प्रेरित करती रहती है। इसलिए अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए वो ज्ञानवर्धक पुस्तकों, सात्विक चीज़ों में अपना ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता है। वह वर्तमान में जीता है। हमारी आत्मा परमात्मा का ही एक अंश है। जब ऐसी अनुभूति हो जाए तब हम सत्य, प्रेम, दया, क्षमा, सहानुभूति आदि ईश्वरीय गुणों का आदर कर सकेंगे।

 

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