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आपका पसंदीदा भोजन बताता है आपके ग्रहों की स्थिति, खाने से जानिए किस ग्रह का प्रभाव आप पर पड़ रहा है ?

धर्म डैस्कः  आपने कई बार डॉक्टर से अच्छी सेहत के लिए अच्छी डाइट लेने के बारे में सुना होगा, ताकि आप हमेशा स्वस्थ रहें, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके रोज़ाना के आहार का संबंध आपके ग्रहों के साथ भी जुड़ा हुआ है। असल में आप जो खा रहें हैं उससे आपके जीवन में खुशियां भी आ सकती हैं और बाधाएं भी। आमतौर पर यदि देखा जाए तो किसी को भी अगर उसका मनपसंद खाना मिल जाए तो स्वाभाविक तौर पर चेहरा और मन प्रसन्न हो जाता है, और तब की भी मन लगाकर अपना काम भी करने लगता है, इसलिए मन हमारे कर्म के साथ भी जुड़ा हुआ है।
यदि हम ज्योतिषीय नजरिए से देखें तो हम जो भी खाना खाते हैं चाहे वो फल, सब्जियां या अनाज हैं उनका संबंध ग्रहों से होता है, यानिकी अगर आप इन दिनों अपनी डाइट में कोई विशेष फल ज्यादा खा रहें हैं तो उस फल का संबंध जिस ग्रह से है उस ग्रह का प्रभाव आपके जीवन में बढ़ जाएगा। आपकी खाने की आदतों के जरिए भी किस विशेष ग्रह का प्रभाव आप पर अधिक पड़ रहा है ये आप जान सकते हैं। है न ये हैरान कर देने वाली बात ?

अथर्वेद के अनुसार…
अथर्वेद में कई वनस्पतियों, फल और सब्जियों को रत्न का दर्जा दिया गया है, क्योंकि ये फल, सब्जियां और वनस्पतियां हमारे शरीर, मन और जीवन के लिए बहुमूल्य तो हैं ही लेकिन इनका अगर सही तरीके से प्रयोग किया जाए तो ये हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने के साथ ही हमारे कर्म भी अच्छे होंगे, यदि कर्म अच्छे होंगे तो जीवन खुद-ब-खुद ही अच्छा होता चला जाएगा। क्योंकि ग्रह हमेशा अच्छा कर्म करने वालों की सपोर्ट करते हैं।

खाने से जानिए किस ग्रह का प्रभाव आप पर बढ़ रहा है…
जैसे यदि आप तीखे मसालों का प्रयोग भोजन में ज्यादा कर रहें हैं तो मंगल का प्रभाव आप पर ज्यादा बढ़ रहा है। वहीं अगर आप सरसों का साग, कटहल की सब्जी या आचार ज्यादा खा रहे हैं तो मंगर ग्रह का असर आपके शरीर, मन और जीवन पर बढ़ रहा है, क्योंकि इन खाने की चीज़ों का सबंध मंगल ग्रह से है और यदि आपकी कंडली में मंगर कमज़ोर है तो इन चीज़ों का प्रयोग करने से मंगल से शुभ फल मिलेगा। इसके विपरीत यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह छठे, आठवें या बारवें भाव में बैठा है या मंगल पर क्रूर ग्रहों का प्रभाव है तो मंगल से संबंधित खान-पान आप पर नैगेटिव प्रभाव बढ़ा सकता है, जैसे वैवाहिक जीवन में परेशानी, लड़ाई, झगड़ा, गलत लोगों की संगति, बीमारी, व्यापार में हानि, क्रोध की वजह से आपको नुकसान होना जैसी घटनाएं हो सकती हैं। इसी तरह से बाकी ग्रहों के प्रभाव के बारे में भी अपनी कुंडली में ग्रहों की स्थिति अनुसार अपना खान-पान तय किया जा सकता है ताकि इसका आप पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
अब जैसे मेष, सिंह, वृश्र्चिक राशि वाले उग्र प्रकृति अर्थात गर्म स्वभाव के होते हैं उनमें पित्त प्रधान होता है। वृषभ, कर्क, तुला, मीन राशि वालों का स्वभाव सुस्त होता है तो उनमें कफ प्रधान होता है। मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि की प्रकृति हवादार होती है इसलिए उनमें वात तत्व प्रधान होता है। जब वात अधिक हो तो अनाज, सेम, जड़ वाली सब्जियां, बीज, नट और डेयरी उत्पादों जैसे पोषक आहार को खाएं। उसके साथ ही अदरक, दालचीनी, इलायची जैसे हल्के मसालों का प्रयोग करें। जब कफ बहुत अधिक हो तो गुड़, शहद लेनी चाहिए। गरम मसाले जैसे अदरक, काली मिर्च का उपयोग, वजन कम करने में मदद करता है। जब पित्त कफ ज्यादा हो तो कड़वे कसैले और मीठी जड़ी बूटियों के खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। अच्छे ग्रहों के उपचार के लिए ठंडे मसालों जैसे हल्दी और धनिया का भी उपयोग किया जा सकता है।

कौन से दिन क्या खाएं…
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, रविवार के दिन चने बनाने चाहिए। सोमवार के दिन खीर या दूध से बने अन्य पकवान बनाना लाभकारी माना जाता है। मंगलवार के दिन मीठा चूरमा या सूजी का हलवा पकाना चाहिए। बुधवार के दिन हरी सब्दी या हरी दाल बनाना शुभ होता है। गुरूवार के दिन पीला भोजन, जैसे चने की दाल या बेसन से बनी कोई सब्जी लाभकारी है। शुक्रवार के दिन दही में चीनी डालकर खाना शुभ फलदायक होता है। शनिवार के दिन उड़द की दाल या तले हुए भोज्य पदार्थ खाने चाहिए। यदि आप ग्रहों को भी ध्यान में रखकर भोजन पकाते हैं तो निश्चित रूप से आपके लिए शुभ फलदायक होता है।

आइए अब जान लेते हैं कि खाना-पीने की चीज़ों का किस ग्रह से संबंध है…
सूर्य का संबंध सूखा नारियल का गोला, खजूर का फल, केसर, बड़ी इलायची से है, तो वहीं चंद्रमा का संबंध पानी वाले नारियल, लीची, खरबूजा, तरबूज, खीरा, नींबू, खुशबूदार बासमती चावल से है। मंगल का संबंध लाल मिर्च, काली मिर्च, जायफल, लौंग, तीखे मसाले, सरसों का साग, कटहल, सोयाबीन से है। बुध का संबंध अदरक, पालक, बथुआ, मेथी, सीताफल, बैंगन, पान और गन्ने से है। गुरु का संबंध अनाज, हल्दी, सिंघाड़े से है। शुक्र का संबंध सभी फूलदार वनस्पति, जमीन के भीतर बढ़ने वाली सब्जियां जैसे आलू, गाजर, प्याज से है। शनि का संबंध साबुत दालें, कसैले खट्टे स्वाद वाले आंवला, संतरा, बेलफल से है, तो वहीं राहु-केतु का संबंध जहरीले पौधे, बरचिटा, कटैली कांटेदार बबूल और ऐसे फल जिन्हें खाया नहीं जा सकता है।

 

Image courtesy- Pixabay