File- अध्यात्म डेस्क: कई बार किसी व्यक्ति विशेष की योग्यताओं और विशेषताओं के बारे में सुनकर हम एकदम हैरान रह जाने हैं कि फलां व्यक्ति इतना प्रतिभाशाली कैसे ? कई बार देखने में आता है कि हज़ारों में से किसी एक की गाने में बिना सीखे ही इतनी खूबसूरत आवाज़ होती है कि हम उसे सुनते ही रह जाते हैं, और मन से आवाज़ आती है भई गॉड गिफ्टिड हुनर है इसमें….ऐसे ही कई बच्चे बाय बर्थ इतने इंटेलीजेंट होते हैं जिन्हें एक बार बताने पर कुछ भी सीख लेते हैं….ऐसे और भी बहुत से लोग होते हैं जिनकी प्रतिभा अद्वितीय होती है ? आइए हमारे शास्त्रों के अनुसार ऐसे खास लोगों के बारे में क्या कहा गया है जानते हैं।
श्रीमद्भागवत गीता में भी भगवान ने विभूति योग का वर्णन करते हुए बताया है कि जिस भी किसी में कोई विशेषता दिखाई दे समझ लेना वो मेरा ही विशेष अंश है। सर्वसाधारण को यदि कुछ खास विशेषताएं नहीं मिली हैं वो उनमें से यदि सिर्फ कुछ लोगों को ही मिली हैं तो यही माना जाएगा कि वो ईश्वर की अमानत है और सर्वसाधारण में फैलानें के लिए उन लोगों को मिली हैं। कुछ लोगों में पाई जानें वाली विशेषताएं उनके पूर्व जन्मों के अच्छे कर्मों की वजह से होती हैं। इस जन्म में पिछले जन्मों की उस जमा पूंजी को और भी प्रखर करना होता है ताकि जल्द से जल्द हम अपने जीवन के अंतिम लक्ष्य की ओर पहुंच जाएं।
ईश्वर ने इंसान को पांच तरह की विशेषताएं हैं। भावना, विद्या, प्रतिभा, संपत्ति और कला। यह विशेषताएं जिनके भी पास हैं उसे समझ लेना चाहिए कि ईश्वर की ओर से कुछ विशेष कलाएं उसे उपलब्ध है। जो सर्वसाधारण को नहीं मिला व सिर्फ उसे मिला है इसमें उसे अपना सौभाग्य और भगवान का विशेष अनुग्रह मानना चाहिए।
मनुस्मृति लखोत्रा