धर्म एवं आस्था डैस्कः हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास साल का नया वर्ष होता है और चैत्र नवरात्रि भी इसबार 6 अप्रैल से शुरू होने जा रहे हैं। इस बार पूरे 9 दिनों तक रहने वाले चैत्र नवरात्रि पर कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं जो कि 14 अप्रैल तक चलेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इसबार नवरात्रि में पांच सर्वार्थ सिद्धि, 2 रवि योग का संयोग बन रहा है। इन नौं दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है और घट स्थापना प्रतिपदा शुरू होने के बाद ही करनी चाहिए, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन अभिजीत मुहूर्त में 6 बजकर 9 मिनट से लेकर 10 बजकर 19 मिनट के बीच घट स्थापना करना शुभ रहेगा।
प्रतिपदा शुरू – 5 अप्रैल, 14.20
प्रत्पदा खत्म – 6 अप्रैल, 3.00 बजे तक
घटस्थापना कब और कैसे करें-
घटस्थापना सुबह के समय करें जिसके बाद 9 दिन तक कलश उसी स्थान पर रखा रहता है। कलश स्थापना के लिए चावल, सुपारी, रोली, मौली, दूध, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी, वस्त्र, आभूषण, बिल्ब पत्र, यज्ञोपवीत, रूई, जौं, सुगन्धित पुष्प, केसर, सिन्दूर, लौंग, इलायची, पान, सिंगार, नारियल, मिट्टी का कलश, मिट्टी का पात्र, दूर्वा, इत्र, चन्दन, चौकी, लाल वस्त्र, धूप, दीप, फूल, नैवेध, अबीर, गुलाल, स्वच्छ मिट्टी, थाली, कटोरी, जल, ताम्र कलश आदि पूजन सामग्री की ज़रूरत होती है। इसे पहले ही इकट्ठा करके रख लें। घट स्थापित करते समय कलश पर स्वास्तिक बनाकर उसके गले में मौली बांधे और उसके नीचे गेहूं या चावल डालकर स्थापित किया जाता है फिर किसी पंडित द्वारा भी आप घट स्थापना करवा सकते हैं जो कि ज्यादा बेहतर है या फिर उनसे पूजा विधि भी जान सकते हैं।
इन नौ दिन कौन से हैं शुभ संयोग, जानिए
6 अप्रैल- घट स्थापना- रेवती नक्षत्र में
7 अप्रैल- सर्वार्थ सुभ योग द्वितीया
8 अप्रैल- कार्य सिद्धि रवि योग तृतीया
9 अप्रैल- सर्वार्थ सुद्धि योग चतुर्थी
10 अप्रैल- लक्ष्मी पंचमी योग पंचमी तिथि
11 अप्रैल- षष्ठी तिथि रवियोग
12 अप्रैल- सप्तमी तिथि सर्वार्थसिद्धि योग
13 अप्रैल- अष्टमी तिथि स्मार्त मतानुसार
14 अप्रैल- रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि नवमी वैष्णव मतानुसार