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Happiness is Free: ये ज़रूरी नहीं कि दूसरों में सिर्फ दोष ही हैं, उनके स्वभाव का दूसरा पहलू जानें बिना ये कैसे सोच सकते हैं आप ?

File: ये बिल्कुल ज़रूरी नहीं कि आपके सामने वाला सिर्फ दोषपूर्ण व्यक्ति ही है, उसके अंदर कोई अच्छाई है ही नहीं। कई बार हमारी दूसरे के बारे में दी गई धारणाएं गलत भी हो जाती है, क्या पता आपने जो उसके व्यक्तित्व का पहलू देखा वो सिर्फ एक ही पहलू हो असल में उस व्यक्ति में कुछ अच्छे गुण भी तो हो सकते हैं। किसी के बारे में एक दम से अपनी राय बना लेना भी सही नहीं। इस पूरी दुनियां में कोई भी ऐसा इंसान नहीं जिसमें एक भी गुण न हो। आपके सामने वाला हो सकता है अमीर न हो लेकिन आचरण अच्छा हो सकता है, किसी की अच्छी आवाज़ है, तो कोई अच्छी पेंटिंग बना सकता है, कोई अच्छा गा सकता है या कोई इंटेलिजेंट बहुत है, असल में ये संपत्तियां हमारे पास जन्म से ही होती हैं समय आने पर हमें अपनी इस संपत्ति का खुद-ब-खुद पता चल जाता है।तो क्यों न दूसरों की अच्छाईयों पर अनुकरण किया जाए और उनके स्वभाव के कमज़ोर पक्ष को इतना अधिक न बढ़ावा दिया जाए, यदि किसी के स्वभाव में छोटी सी बात पर झगड़ा करने की प्रवृति है तो उसे सही किया जा सकता है ये ज़रूरी नहीं कि उसे नज़अंदाज़ कर दिया जाए। जैसे अगर आप किसी सड़क पर नंगे पांव चल रहे हैं और रास्ता भी आपको तय करना है, रास्ते के पत्थर तो चुभेंगे ही, वहीं अगर आप अपने पांव में जूते पहन कर सफर तय करते हैं तो आपका सफर भी आसान हो जाएगा और पत्थर भी नहीं चुभेंगे।ठीक वैसे ही अगर किसी अपने के स्वभाव के कमज़ोर पक्ष को बढ़ावा देंगे और उसे कहते रहेंगे कि तुम बेकार हो, तुम गलत हो, तुम्हारा स्वभाव अच्छा नहीं है लेकिन आपकी मजबूरी ये है कि आपको उसी के साथ रहना भी है, तो कैसे चलेगा?  लेकिन यदि आप उसके नैगेटिव पक्ष को एक तरफ करके उसके अच्छे गुणों के बारे में तारीफ करेंगे, उसे अपने स्नेह व प्यार से उसका उत्साह बढ़ाएंगें तो आपका सफर आसान भी हो जाएगा और उस व्यक्ति के स्वभाव में परिवर्तन भी हो जाएंगे।

मनुस्मृति लखोत्रा

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