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Happiness is Free : जो नहीं रहेगा वो मैं या तुम और जो रह जायेगा वो है यादें…!

एक छोटी सी उम्मीद भी जीवन को हरा-भरा बना सकती है…यानी उदासी से खुशी की ओर वापसी…हम अपने आसपास ऐसे कितने लोगों को जानते हैं जो दुख  के एक प्रहार से ही ध्वस्त हो जाते हैं और ऐसे भी देखे हैं जो मुश्किल वक्त में एक उम्मीद की रोशनी को पकड़े रखते हैं और उसी के सहारे नईं सुबह की राह देखते रहते हैं…बस हमें भी इसी उम्मीद की रोशनी को कभी कम नहीं होने देना है…बल्कि इसे सूरज की तरह तेज़ और प्रबल बनाना है।

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Manusmriti Lakhotra
Writer & Editor – https://theworldofspiritual.com

अपनी छोटी-छोटी चाहतों में खुशियां ढूंढनी है…छोटी-छोटी बातों में जीवन के प्रति आशा खोजनी है….क्योंकि जीवन में जो गुज़र चुका है उसकी कभी वापसी नहीं होगी इसलिए कोशिश यही करें कि हमेशा नकारात्मकता से दूर रहें। जो गलतियां हमसे हुईं उसे हम दोबारा न करें, जितना हो सके अपने हरेक पल को जीएं ताकि मन में कोई खलिश न रहे। जीवन से कोई चला जाए…इससे बड़ी वेदना और हो भी क्या सकती है…लेकिन जिसे वापिस ही न लाया जा सके उसके लिए आंसू बहाने से क्या फायदा…इसे जीवन की सच्चाई समझकर एक तरफ करके हमें आगे बढ़ना ही होगा….ये हम समझ सकते हैं कि जीवन से किसी अपने के जाने का ग़म क्या है ? उसे भूलना बेहद मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं….क्योंकि जीवन और मृत्यु को कोई नहीं रोक पाया है आज तक, हमें ये स्वीकार करना होगा कि ये धरती, चांद, सूरत, तारे..ये सभी अपनी जगह पर ही रहेंगे…जो नहीं रहेगा वो मैं या तुम और जो रह जायेगा वो है यादें, अच्छे कर्म, अच्छा आचरण…। जो आया था वो अपने हिस्से के फर्ज़ निभाकर, ज़िंदगी जीकर चला गया। अब आपको अपने आपको खुद संभालना होगा…क्योंकि जब तक आप ज़िंदा है आपको जीना ही पड़ेगा…इसलिए रो-कर जीने से अच्छा हंसकर जी लें तो बेहतर होगा….।