Poetry Breakfast: A poem on ‘CORONAVIRUS’ “नमस्ते तू उसे कहना” !
(कविता) “नमस्ते तू उसे कहना” ! कोरोना का कहर जब तक है सबसे दूर ही रहना । मिलाना हाथ कोई चाहे नमस्ते तू उसे कहना ।। तू रहना बन्द कमरे…
(कविता) “नमस्ते तू उसे कहना” ! कोरोना का कहर जब तक है सबसे दूर ही रहना । मिलाना हाथ कोई चाहे नमस्ते तू उसे कहना ।। तू रहना बन्द कमरे…