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पंचकों में क्या कार्य नहीं करने चाहिए ?

धनिष्ठा पंचकं त्याज्यं तृणकाष्ठादिसंग्रहे।

त्याज्या दक्षिणदिग्यात्रा गृहाणां छादनं तथा।।

शास्त्रों में वर्णित है कि पंचक में यह कार्य नहीं करना चाहिए

  • पंचक सर्वाधिक दूषित दिन होते हैं इसलिए पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करना चाहिए।
  • घर का निर्माण हो रहा है तो पंचक में छत नहीं डालना चाहिए।
  • घास, लकड़ी, कंडे या अन्य प्रकार के ईंधन का भंडारण पंचक के समय नहीं किया जाता है।
  • शय्या निर्माण यानी पलंग बनवाना, पलंग खरीदना, बिस्तर खरीदना, बिस्तर का दान करना पंचक के दौरान वर्जित रहता है। इनके अतिरिक्त किसी भी प्रकार के कार्य वर्जित नहीं है।

पंचक को लेकर भ्रम पंचक को लेकर अधिकांश लोगों के मन में भ्रम की स्थिति रहती है। उनका मानना है कि पंचक में कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। जबकि कहीं-कहीं शास्त्रों में वर्णन है कि शुभ कार्य में पंचक देखने की आवश्यकता नहीं है। पंचक का अर्थ पांच आवृत्ति। उदाहरण के लिए यदि पंचक के दौरान नया घर या वाहन खरीदा जाता है तो संभव है आप पांच घरों या पांच वाहनों के मालिक बनें। यह स्थान, समय और मतभिन्नता के अनुसार अलग-अलग तरीके से तय होता है। कुछ लोग शुभ कार्यों में भी पंचक विचार करते हैं।

अधिकांश लोगों के मन में भ्रम प्रत्येक 27 दिन बाद नक्षत्र की पुनरावृत्ति होती है इस लिहाज से पंचक हर माह या कहें प्रत्येक 27 दिन बाद आता है।