Happiness is Free: “हमारे यहां हमेशा से ऐसा होता आया है” आखिर ऐसा कब तक सुनेंगे ?
ये माना कि परंपराओं ने हमारी संस्कृति की नींव को मजबूती दी, कुछ परंपराएं अच्छी भी हैं और कुछ परंपराएं ऐसी भी हैं जिन्हें समय के साथ बदल देना चाहिए...आखिर…
ये माना कि परंपराओं ने हमारी संस्कृति की नींव को मजबूती दी, कुछ परंपराएं अच्छी भी हैं और कुछ परंपराएं ऐसी भी हैं जिन्हें समय के साथ बदल देना चाहिए...आखिर…
आज जब भारत कोरोना संकट से जूझ रहा हैं और कांग्रेस अपने नकारात्मक राजनीति में व्यस्त हैं तो ऐसे में मुझे 2013 में केदारनाथ में आयी त्रासदी याद आ गयी…
खैर, एक बात तो तय है कि कोरोना वायरस ने वो कर दिखाया जो कितने ही सालों से सरकारें न कर सकी....,कोरोना के खौफ से कई ऐसे प्रयोग भी सफल…
इन दिनों मेरे घर के आस-पास कुछ मनमोहनी सी, मीठी-मीठी और प्यारी सी आवाज़ों का शोर है....जानते हैं वो शोर मचाने वाले कौन हैं ??? वो हैं पंछी...उनमें से जो…
गोबर और गोमूत्र की बात करने वाले भक्त गण 5000 वर्षों से germs, अदृश्य जीवाणुओं और उनके द्वारा फैलाई जाने वाली महामारियों और उनके इलाज की जानकारी रखते हैं ! …
हमारी ज़िंदगी खुली किताब की तरह होती है जब चाहो बीते हुए कल का कोई भी पन्ना पलटो और उसमें से कुछ खूबसूरत पलों का आनंद ले लो...और बुरे पलों…
याद कीजिए एक वो दिवाली थी, जब बचपन में मां और पिताजी सारें जहां की खुशियां हमारे कदमों पर लाकर रख देते थे। याद कीजिए वो बचपन, जब पिताजी हर…
आइए अब बात करते हैं आखिर विश्व में कितने प्रतिशत प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है और इसके क्या नुकसान हो रहे हैं ? एक वेबसाइट पर छपे लेख के…
क्या आप जानते हैं 80 के दशक से पहले हम कपड़े के थैले, जूट के बैग, कागज़ के लिफाफों, और ज्यादातर मिट्टी से बने सामान का ही इस्तेमाल करते थे....लेकिन…