यादग़ार लम्हेंः जिनकी आवाज़, संगीत और धुन के बिना 1987 में आयी रामायण का ज़िक्र अधूरा है, वो हैं महान संगीतकार रविन्द्र जैन

https://www.youtube.com/watch?v=Mssud9XfvKo रामायण का ज़िक्र आते ही रामानंद सागर द्वारा निर्मित रामायण की याद ताज़ा हो जाती है...ये दूरदर्शन का वो सुनहरा दौर था जब घर घर रामायण आंखों से नहीं…

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यादग़ार लम्हेंः “इक कुड़ी जिदा नाम महोब्बत ग़ुम है”… : शिव कुमार बटालवी

https://www.youtube.com/watch?v=VM-u-WzgrWo पंजाबी साहित्य के स्वर्णिम इतिहास के पन्नों को यदि पलटकर देखा जाए तो उसमें से एक नाम शिव कुमार बटालवी है... जिन्हें ‘बिरहा का सुल्तान’ या ‘पंजाबी कविता का…

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यादगार लम्हें: वो गीत जिसने ज़िंदगी से रूबरू कराया, आज भी करोड़ों दिलों में धड़कता हैं, “इक प्यार का नग़मा है”…

यादगार लम्हें: कई बार कोई बेहद खूबसूरत सा नग़मा बहुत ही कम शब्दों में ज़िंदगी से रूबरू करा जाता है। हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने हमें ऐसे कई यादग़ार गीत…

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यादग़ार लम्हेंः “मेरे महबूब क़यामत होगी, आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी”: आनंद बख्शी

आज हम हिंदी सिनेमा के सफरनामे में एक ऐसे फ़नकार के बारे में कुछ बातें आपके साथ सांझा करेंगे जिन्होंने शब्दों को कुछ ऐसे तराशा जो गीत बनकर सबके दिलों…

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यादग़ार लम्हेः वो दौर कुछ और ही था जब फिल्मी गीतों में सावन झूमता था और बरखा की फुहार कुछ भीगी यादें ताज़ा कर जाती थी…!

सावन की छटा बिखेरते... आसमान में इतराते इंद्रधनुषी रंग, बारिश की झम-झम, और ठंडी हवा के झोंके जब फिल्मी गीतों की रंगत को संवारने लगे तो कुछ इस क़दर सावन…

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यादग़ार लम्हेंः उनकी मखमली और भारीपन लिए हुए आवाज़ में प्यार के दर्द को बयां करने का एक ऐसा तिलिस्म था जिसने भी सुना वो ठगा रह गया !

File: चिट्ठी न कोई संदेस, न जाने वो कौन सा देस, कहां तुम चले गए... जी हां ग़ज़ल की दुनियां के वो फनक़ार जिनकी आवाज़ का जादू ऐसा चला कि…

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यादगार लम्हेंः 60 के दशक की हिट-गर्ल आशा पारेख के शादी न करने का कारण क्या था ? आखिर वो किसे चाहती थीं ! आइए जानते हैं…

60 के दशक में हिंदी सिनेमा में एक वो भी दौर था जब हिट गर्ल यानिकी आशा पारेख की फिल्में सूपर-डूपर हिट हुआ करती थी, उनकी इतनी कामयाबी, नाम और…

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यादगार लम्हेंः जहां मनुष्य की अंतरात्मा भी उस पीयूष-स्नान से सिक्त होकर चेतना के एक ऊर्ध्व-लोक में पहुँच जाती है !

कुंभ मेला : भारतीय संस्कृति एवं अस्मिता का प्रतीक  भारत को देखना है तो कुम्भ मेला देखिये !  गंगा -यमुना -सरस्वती त्रिवेणी संगम पर प्रयाग में जब अमृत का आधान होता है…

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सिनेमा घरों से लेकर मंदिरों तक गूंजे भक्ति रस में भीगे भजन ! आपके लिए भी सुनहरी पन्नों से तराशे हैं कुछ बेशकीमती गीत, जानिए

हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम इतिहास के शुरुआती पन्नों से लेकर अब तक का सफर अगर खंगाला जाए तो भक्ति गीतों की फुहारों से आपका रोम-रोम भीग जाएगा। जिनकी गूंज बड़े…

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“ऐ मेरे वतन के लोगो, ज़रा आंख में भर लो पानी”… गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के शहीदों को शत् शत् नमन

ऐ मेरे वतन के लोगो, ज़रा आंख में भर लो पानी....ये गीत आज भी उतना ही गहरा, उमदा और देश भक्ति की भावना से भीगा हुआ है जितना पहली बार…

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