यादगार लम्हेः कुछ अनकहे पहलुओं की दास्तान लेकर आती ज़िंदगी… “तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी हैरान हूं मैं”
ये जो ज़िंदगी है न बड़ी ही पेचीदा किस्म की है जिसे समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। हमारी ख्वाहिशें तो बहुत सी हैं ज़िंदगी से.....कभी…
ये जो ज़िंदगी है न बड़ी ही पेचीदा किस्म की है जिसे समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। हमारी ख्वाहिशें तो बहुत सी हैं ज़िंदगी से.....कभी…