यादगार लम्हेः चाहे हम अपनो से कितनी भी दूर क्यों न हों लेकिन कुछ रिश्ते रूहानी होते हैं : “घर से निकले थे हौसला करके, लौट आए खुदा-खुदा करके”…
आज मैं आपको मशहूर गज़लकार जगजीत सिंह की एक खूबसूरत सी गज़ल से रूबरू करवाने जा रही हूं... इस ग़जल के लिरिक्स चंद लाईनों में बहुत बड़ी बात कह जाते…