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Way to Spirituality: “ठोकरें खाकर भी न संभले तो मुसाफिर का नसीब, वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया”: आइए जानते हैं ओशो के प्रेरणादायक विचार

अध्यात्म डैस्कः आचार्य रजनीश यानी ओशो, दुनिया में अपने प्रेरक विचारों के लिए जाने जाते हैं। उनके विचार व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। ओशो अपनी बात को साधारण तरीके से समझाने में माहिर थे ताकि कोई भी उनकी बातों को आसानी से समझ सके। वे अपने प्रवचनों से नई सोच की क्रांति लाये। उन्होंने गूढ़ आध्यात्मिक चिंतन को सरल शब्दों में पिरोया है। आईए जानते हैं ओशो की कुछ ऐसी बातें जो जिंदगी की सोच और समझ को नई दिशा देती हैं।

  • दुख के बारे में ही सोचते रहेंगे तो हमेशा दुखी रहोगे, सुख के बारे में सोचना शुरू करो। तुम जिस चीज पर ध्यान देते हो वे चीज़ सक्रिय हो जाती है।
  • आत्म ज्ञान एक समझ है कि यहीं सबकुछ है, यही बिलकुल सही है, बस यही है। आत्म ज्ञान यह जानना है कि ना कुछ पाना है और ना कहीं जाना है।
  • कल को कभी आता नहीं, जब भी आता है, आज ही आता है। कल भी आज ही आएगा। इसलिए पना काम आज ही करो।
  • अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं क्योंकि आप लगातार अर्थ जानने में लगे रहते हैं, इसलिए आप अर्थहीन महसूस करने लगते हैं। हर चीज में अर्थ निकालना गलत है। कुछ चीजों को वैसे ही स्वीकारिए जैसी वो हैं।
  • सवाल ये नहीं कि कितना सीखा जा सकता है, इसके उलट सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।
  • जब मैं आपसे कहता हूं कि आप देवी–देवता हैं, तो मेरा मतलब होता है कि आप में असीम संभावनाएं हैं, आपकी क्षमताएं अनंत हैं।
  • जिस दिन आप ने यह सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है, आपकी मृत्यु हो जाती है क्योंकि अब ना कोई आश्चर्य होगा, ना कोई आनंद और ना कोई अचरज। अब आप एक मृत वाला जीवन जीएंगे।
  • आप वह बन जाते हैं जो आप सोचते हैं कि आप वह हैं.
  • प्रसन्नता सद्भाव की छाया है, वो सद्भाव का पीछा करती है। प्रसन्न रहने का कोई और तरीका नहीं है।
  • जीवन कोई दुःखद घटना नहीं है, यह एक हास्य है. जीवित रहने का मतलब है हास्य का बोध होना।
  • अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिए. जीवन को मजे के रूप में लीजिये क्योंकि यही वास्तविकता में जीवन है।
  • अगर आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी भी बन सकते हैं। ध्यान दर्पण में देखने की कला है।
  • उस तरह से मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाए। उस तरह से चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाए। उस तरह चलिए जिस तरह ख़ुशी आपको चलाए।
  • ठोकरें खाकर भी न संभले तो मुसाफिर का नसीब, वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया।