File: चिट्ठी न कोई संदेस, न जाने वो कौन सा देस, कहां तुम चले गए…
जी हां ग़ज़ल की दुनियां के वो फनक़ार जिनकी आवाज़ का जादू ऐसा चला कि हर कोई उनकी ग़ज़लों का दीवाना हो गया।
उनकी मखमली और भारीपन लिए हुए आवाज़ में प्यार के दर्द को बयां करने का एक ऐसा तिलिस्म था जिसने भी उन्हें सुना वो ठगा सा रह गया।
उनकी आवाज़ ऐसी कि दिल की तन्हाईयों को छूती हुई लबों पर आ कह उठती, होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो।
उनकी आवाज़ ऐसी कि बचपन में फिर से ले जाए और वो काग़ज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी फिर से याद आ जाए।
वो कोई और नहीं बल्कि ग़ज़ल की दुनियां के बादशाह कहे जाने वाले जगजीत सिंह ही हो सकते हैं।
उन्होंने जिस ग़ज़ल को भी गाया वो अमर हो गई। आज भी जब कोई प्यार में होता है न, तो उसका साथ बन जाती हैं जगजीत सिंह की ग़ज़लें। आज भी जब कोई किसी की याद में तन्हाईंयों में रोता हैं न, तो उसकी तन्हाईंयों में साथ निभाती हैं जगजीत सिंह की गज़लें।
मशहूर ग़ज़ल गायक आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज़ और गज़लें हरेक के दिल में बसी हैं। जगजीत सिंह जिनका असली नाम जगमोहन सिंह धीमान था, उनका जन्म 8 फरवरी 1941 को बीकानेर के श्रीगंगानगर में हुआ था। उन्होंने कई भाषाओं में गाया और ऐसा यादगार गाया कि आज भी उनका कोई सानी नहीं। हिन्दी फिल्म जगत के लिए भी कई यादगार गज़ले गाईं जो उनके करियर के लिए भी मील का पत्थर साबित हुई।
उनकी पत्नी चित्रा सिंह के साथ भी उनकी जोड़ी कमाल थी। दोनों जब मुशायरों में गाया करते थे तो वाह वाह, वाह वाह की आवाज़ें चारों ओर से गूंजती। ये 1970 से लेकर 1980 तक का वो दशक था जब इन हर महफिल में दोनों की जोड़ी से ग़ज़ल सुनने की फरमाइशें आती। देश-विदेश में इस जोड़ी ने अपनी आवाज़ का डंका बजाया। एक रिकॉर्डिंग के दौरान इन दोनों की पहली मुलाकात हुई थी। तब किसी ने कभी ये नहीं सोचा था कि उनका प्यार ज़िंदगी भर का साथ बन जाएगा। लेकिन 1990 में उनके बेटे की अचानक कार एक्सीडेंट में मौत हो जाने के बाद दोनों उस सदमें से उबर नहीं पाए। काफी समय बाद जब जगजीत सिंह ने फिर से गाना शुरू किया तब भी उनकी ग़ज़लों में बेटे की याद का दर्द दिखा।
पेश हैं उनकी कुछ यादगार गज़लें।
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
आखों में मनी, हंसी लबों पर
क्या हाल है, क्या दिखा रहे हो
बन जायोंगे ज़हर पीते पीते
ये अश्क जो पीते जा रहे हो
जिन ज़ख्मों को वक्त भर चला है
तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो
रेखाओं का खेल है मुकद्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो
होठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो
ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन
जब प्यार करे कोई, तो देखे केवल मन
नई रीत चलाकर तुम, ये रात अमर कर दो
आकाश का सूनापन, मेरे तन्हा मन में
पायल छनकाती तुम आ जाओ जीवन में
सांसे देकर अपनी संगीत अमर कर दो
जग ने छीना मुझसे, मुझे जो भी लगा प्यारा
सब जीत किये मुझसे, मैं हर दम ही हारा
तुम हार के दिल अपना, मेरी जीत अमर कर दो
झुकी झुकी सी नज़र बेक़रार है के नहीं
दबा दबा सा सही, दिल में प्यार है के नहीं
तू अपने दिल की जवान धड़कनों को गिन के बता
मेरी तरह तेरा दिल बेकरार है के नहीं
वो पलकें जिसमें मोहब्बत जवान होती है
उस एक पल का तुझे इन्तज़ार है के नहीं
तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूं दुनियां को
तुझे भी अपने पे ये ऐतबार है के नहीं
Video courtesy- Gaane sune ansune