Poetry Breakfast: इक कुड़ी जिदा नाम महोब्बत गुम हैः शिव कुमार बटालवी

आईए आज उस दशक की बात करें जब कविताएं आत्मा की गहराईयों से लिखी जाती थी। कविता का एक–एक लफ्ज़ शायर के लिए किसी इबारत से कम नहीं होता था।…

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