धर्म एवं आस्था डेस्कः हम सब अपने इष्ट से बेहद प्यार करते हैं, जब-जब हम पर कोई भी संकट आता है हम अपने इष्ट से उसे दूर करने की प्रार्थना करते हैं, और कई बार हमें ऐसा प्रतीत भी होता है कि साक्षात हमारे इष्ट स्वयं आकर हमारी मदद करके गए हैं। हमारी श्रद्धा किसी भी भगवान के प्रति हो सकती है चाहे वो विघ्नहर्ता गणपति जी हों, शिव भोले हों, भगवान विष्णु या आप देवी के भी उपासक हो सकते हैं। निःसंदेह अगर दुख की घड़ी में सच्चे मन से उन्हें पुकारा जाए तो वे आकर हमारी मदद जरूर करते हैं, लेकिन क्या आपको अच्छा लगेगा जिन्हें आप अपने आराध्य मानते हैं उन्हें आप रुष्ट कर दें? नहीं न, तो फिर रोज़ाना पूजा में हमसे कई बार अज्ञानतावश छोटी-छोटी गलतियां हो जाती हैं जिसकी वजह से हम पूजा तो किए जा रहें हैं लेकिन आपका मन फिर भी अशांत हैं, यानि आपकी पूजा आपके इष्ट द्वारा ग्रहण ही नहीं की गई और न ही हमें उसका कोई फल व पुण्य मिला। आइए जानते हैं ऐसी कुछ बातें जो हमें रोज़ पूजा में अवश्य ध्यान रखनी चाहिए।
ब्रह्मवैवर्तपुराण वैष्णव के अनुसार पूजा में किन चीज़ों को ज़मीन पर रखना निषेध माना गया है आइए जानते हैं।
- शालिग्रम को कभी सीधे ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए, इसे स्वच्छ रेशमी कपड़े पर ही रखें।
- देवी-देवताओं की मूर्तियां कभी ज़मीन पर नहीं रखनी चाहिए, सोने, चांदी के सिंहासन पर रखें या इनके नीचे चावल रखें या लकड़ी की चौकी जो कि मंदिर में स्थापित करने के लिए ही होती हैं, पर रखें। देवी-देवताओं के वस्त्र और आभूषण भी ज़मीन पर नहीं रखने चाहिए।
- दीपक को कभी भी सीधे ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए, अगर ज़मीन पर दीपक रखना भी पड़े तो उसके नीचें हमेशा छोड़े चावल ज़रूर रखें या लकड़ी की चौकी पर रखें।
- जनेऊ को भी साफ कपड़े पर रखें, क्योंकि इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है।
- शंख को भी लकड़ी के फट्टे पर या स्वच्छ कपड़े पर ही रखें।
- पूजा में सुपारी को सिक्के पर रखें, इसे ज़मीन पर कभी नहीं रखना चाहिए।
- पूजा में रखे गए मणि या रत्न को भी स्वच्छ कपड़े पर ही रखें।