Poetry Breakfast: जब खूबसूरती चांदी और सोने जैसी लगने लगे तो वहीं से गज़ल बनती है “चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल”…
ये दौर भी बेहद खूबसूरत था जब महान गज़ल गायक पंकज उधास ने 1980 के दशक में एक अलग किस्म की गज़ले पेश की। उस समय ग़ज़ल गाने वाले कई…