श्री गणेश चालीसा (अर्थ सहित )

॥दोहा॥ जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल।  विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ हे सदगुणों के सदन भगवान श्री गणेश आपकी जय हो, कवि भी आपको कृपालु बताते हैं।…

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Happiness is Free: धैर्य व सहनशक्ति के अभाव से बिखरते शादी के पवित्र बंधन !

हमारे देश में शादी को एक पवित्र बंधन के रूप में देख जाता है। मान्यता ये भी है कि शादी का पवित्र बंधन सिर्फ एक जन्म ही नहीं बल्कि सात…

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