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अगर आप अवचेतन मन को समझना चाहते हैं तो एक बार डॉ. जोसेफ मर्फी की लिखी किताब “The Power of Subconscious Mind” ज़रूर पढ़ें !

कई बार हमारे सामने प्रॉब्लम्स की ऐसी सिचुएशन आ जाती है हमें समझ में नहीं आता कि क्या किया जाए ? दूसरों से हम अपनी मुश्किलों को शेयर भी करते हैं लेकिन कोई किनारा नहीं मिलता। ऐसे में ज़िंदगी दोराहे खड़ी हो जाती है और हमें समझ नहीं आता कि हम क्या करें। ऐसे समय में नेगेटिविटी हमारे दिमाग को घेर लेती है, और होता क्या है जिस घटना के होने का हमें डर रहता है वो अचानक ही हमारी ज़िंदगी में घटित हो जाती है। इसलिए मनोविज्ञान ये कहता है कि हर हाल में आप सकारात्मक रहें और अपने बारे में अच्छा सोचें। असल में एक ऐसी महाशक्ति हमारे भीतर ही स्थित है जो सर्वशक्तिमान है, और एक निश्चित समय पर वो जागृत होती है। हमारा मन दो प्रकार का होता है। पहला चेतन व दूसरा अवचेतन। चेतन मन के द्वारा हम जाग्रत अवस्था में सोचते हैं और बाहरी दुनिया का अनुभव प्राप्त करते हैं। अवचेतन मन इन्हीं सब बातों को ग्रहण कर सुरक्षित रख लेता है और उसे पूरा करने में जुट जाता है। अवचेतन मन के बारे में विस्तार से डॉ जोसेफ मर्फी ने अपनी किताब “The Power of Subconscious Mind” में बताया हैं। आइए जानते हैं कुछ विशेष तथ्यों को जिन्हें डॉ मर्फी ने कहने की कोशिश की है।

डॉ जोसेफ मर्फी की रिसर्च क्या कहती है ?

मनोवैज्ञानिक डॉ. जोसेफ मर्फी ने एक शोध से पता लगाया था कि चेतन मन जिस भी बात को स्वीकार करता है और उसके सही और सच होने पर भरोसा करता है हमारा अवचेतन मन उसे स्वीकार कर हकीकत में बदल देता है। अवचेतन मन के आदेश पर मस्तिक उसी प्रकार के हार्मोन पैदा करके उस कार्य को पूरा करता है। डॉ. मर्फी के अनुसार हम जो कुछ भी हासिल करते हैं या नहीं करते वह हमारे विचारों के परिणाम होते हैं”।

अवचेतन मन केवल वर्तमान जीवन को ही नहीं प्रभावित करता, बल्कि आत्मा के साथ दूसरा शरीर धारण करते समय भी साथ रहता है। दूसरे जन्म में इसी अवचेतन मन के कारण व्यक्तित्व निर्माण व संस्कार प्राप्त होते हैं। इसीलिए यदि मनुष्य वर्तमान जीवन और अगले जीवन में आनंद चाहता है, तो उसे अपने चेतन मन व अवचेतन मन को सकारात्मक सोच व विचारों से परिपूर्ण करना होगा।

डॉ. मर्फ़ी ने आध्यात्मिक ज्ञान और वैज्ञानिक शोध के साथ स्पष्ट किया है कि अवचेतन मन आपके हर काम को प्रभावित करता है। अवचेतन मन की शक्ति से हम क्या हासिल कर सकते हैं? वो इस प्रकार है।

  1. सेहत सुधार सकते हैं और शारीरिक रोग ठीक कर सकते हैं।
  2. प्रमोशन पा सकते हैं, तनख़्वाह बढ़वा सकते हैं, लोकप्रियता पा सकते हैं।
  3. मनचाही दौलत पा सकते हैं।
  4. अपने दोस्तों का दायरा बढ़ा सकते हैं और अपने परिवार, सहकर्मियों तथा मित्रों से बेहतर संबंध बना सकते हैं।
  5. अपने वैवाहिक जीवन या प्रेम संबंध को सशक्त बना सकते हैं।
  6. डरों और बुरी आदतों से छुटकारा पा सकते हैं।
  7. ‘‘चिर युवा’’ रहने का रहस्य सीख सकते हैं।

मनुष्य अगर विश्वास करे, तो उसके लिए हर चीज संभव है। क्योंकि हमें खुद ही नहीं पता कि हमारे अंदर क्या-क्या समाया हुआ है। दूसरों से हम अपनी परेशानियों के बारे में बात करके हसीं या मज़ाक का पात्र ही बनते हैं। ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो आपके दुख में आपका सहारा बनें और आपको सही मार्गदर्शन दें। जबकि प्रतियोगिता के इस दौर में अगर आप किसी से सहारे या अपना दुख बांटने की कोशिश करते हैं तो वो आपके सामने तो दुखी होने का नाटक करेंगे लेकिन आपकी पीठ पीछे कितने ही लोगों के बीच आपका मज़ाक उड़ाएंगे। इसलिए ऐसे लोगों के वर्ग में न शामिल हों जो आपमे नैगेटिव उर्जा भरें और आप अपने अपने अंदर इस तरह के नैगेटिव प्रश्नों को दोहराना बंद करें जैसे “अगर मैं ये काम नहीं कर पाया तो? अगर मैं पास नहीं हुआ तो? अगर मुझे नौकरी नहीं मिली तो? डर व शंकाओं को दूर कीजिए क्योंकि ऐसा डर ही हमें आगे नहीं बढ़ने देता। हम वहीं के वहीं रह जाते हैं कुएं के मेंडक की तरह एक स्थान से बाहर निकलने की कोशिश भी नहीं करते। ईश्वर ने इतना सुंदर संसार हमारे लिए ही बनाया है। उठिए जहां जाना चाहते हैं जाईए। कुछ भी करना चाहते हैं कीजिए। लेकिन मर्यादाओं के भीतर रहकर जहां हम अपनी नज़रों में शर्मिंदा न हों।

अगर हम चाहें तो हम जीवन में प्रभावशाली प्रभुत्व के स्वामी बन सकते हैं।

 आपकी सभी इच्छाएं साकार हो सकती हैं यदि हम अपने अवचेतन मन में छिपी हुई शक्ति का प्रयोग कर लें जिससे हम अपने जीवन में प्रभावशाली प्रभुत्व के स्वामी बन सकते हैं। अवचेतन मन में समाहित शक्तिया प्रकट करने के लिए निम्नलिखित विचार स्मरण रखने योग्य है-

1-  हमारा अवचेतन मन हमारी हर बात मानता है। रात को सोनें से पहले अपने अवचेतन मन से कहे,” मै सुबह पांच बजे उठना चाहता हूँ” तो यह आपको ठीक आपके कहे समयानुसार जगा देगा।

3-  हमारा अवचेतन मन हमारा उपचार भी कर सकता है। यदि हम रोज़ सोने से पहले अपनी सेहत के बारे में अच्छा कहकर सोएंगे और अपने मन से कहेंगे मेरा स्वास्थ्य बहुत अच्छा है और मैं ठीक हो रहा हूं। हमारा अवचेतन मन हमारे आदेशानुसार पालन करेगा।

अपने अवचेतन मन को अपने अनुसार ढालने की कौशिश करें।

4-  आप जो भी करना चाहते हैं, जिसके लिए आप दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और अगर आपने ये तय कर लिया है वो काम करना ही है तो देखिएगा परिस्थितियां आपके अनुसार ही उत्पन्न होनें लग जाएंगी।

5-  वास्तव में हमारा अवचेतन मन गीली मिट्टी की तरह होता है जिसे हम जैसा ढालनें की कोशिश करेंगे वो वैसे ही ढल जाएगा। इसी तरह से हमे अपने अवचेतन मन को सही आदेश (विचार और तस्वीरें) देने होगें, जो हमारे सभी अनुभवो को नियंत्रित करता है।

रोज़ाना नेगेटिव वाक्यों को न दोहराएं ।

6-  इस तरह का वाक्यों का प्रयोग कभी नही करना चाहिए,”मेरे पास इसके लिए पैसे नही है”, “मै ये काम नही कर सकता”, “मेरी तो किस्मत ही खराब है”, मेरे तो कर्म ही फूटे थे”, मेरी किस्मत में कुछ अच्छा होना लिखा ही नहीं है”, मैं कोई भी काम करुं, मेरा काम पूरा होता ही नहीं है”, इससे अच्छा तो मैं मर ही जाऊं” आदि। हम जो सोचते हैं हमारा अवचेतन मन उसी बात को सच मान लेता है इसलिए वह यह सुनिश्चित कर लेता है कि हमारे पास कभी पैसे न रहें या वह काम करने की क्षमता न रहे, जो हम करना चाहते हैं। इसके बजाय दृढ़ता से कहें, ”मैं अपने अवचेतन मन की शक्ति से सारे काम कर सकता हूं।”

आपका अवचेतन मन आपके आदेश का इंतज़ार कर रहा है ।

7-  विश्वास ही जावन का नियम है। विश्वास हमारे मस्तिष्क का एक विचार है। उन चीजो में विश्वास न करें, जो हमे नुकसान या चोट पहुचायें। अपने अवचेतन मन की शक्तियों में विश्वास करें। यह विश्वास रखें कि वे हमारा उपचार करेगीं, प्रेरित करेगी, हमें शक्तिशाली और समृद्ध बनाएंगी। असल में हमें दृढ होने की ज़रूरत है, जरूरत है हमें आत्म-ज्ञानी और आत्मविश्वासी होने की। ज़रूरत है हमें अपने अवचेतन मन से बात करने की और उसे आदेश देने की।

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