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BLOG: आइए आपको ले चलते हैं ‘Walt Disney’ की कल्पना के शहर में, जहां Cartoons जीवंत हो उठते हैं और जानिए उनके Failure से Success होने तक का सफर…

कल्पना की दुनियां भी कितनी मज़ेदार होती है न….जहां आप जो चाहे हासिल कर सकते हैं….लेकिन कई बार आपकी कल्पना शक्ति इतनी तीव्र और प्रभावशाली बन जाती है जिससे आप आश्चर्यचकित परिणाम भी ला सकते हैं। एक आर्टिस्ट कल्पना के सहारे पत्थर में भी इस क़दर जान डाल सकता है….मानो वो कलाकृति अभी बोल उठेगी….हुनर तो हुनर होता है जनाब ! बस उसे तराशने के लिए आपकी पारखी नज़र चाहिए…फिर चाहे आप वो हुनर एक कविता में बयां करें या फिर किसी के नक्श तराशने में….आइए आज हम एक ऐसी शख्सियत के बारे में आपसे बात करेंगे जिनके साथ आपका बचपन बीता….Black & White से Colored TV आने तक के दौर में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे ‘Mickey Mouse’ से प्यार नहीं हुआ होगा… लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस जीवंत कैरेक्टर को बनाने बाले कलाकार कौन थे ?  चलिए हम बताते हैं उनका नाम था Walt Disney….तो फिर आइए आपको ले चलते हैं Walt Disney की कल्पना के शहर में जहां Cartoons जीवंत हो उठते हैं….।

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अगर आज भी आपको अपने बचपन वाले कार्टून याद होंगे तो मिकी माउस आपका आज भी सबसे Favorite Cartoon Character होगा, Walt Disney की life कभी आसान नहीं रही उन्हें बेहद मुश्किल दौर से गुज़रना पड़ा। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी लाइफ में 300 बार Failure देखा….लेकिन बाद में जाकर वो दुनियांभर में मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक और कार्टूनिस्ट के रूप में प्रसिद्ध हुए….उनके संघर्ष की कहानी किसी से भी छुपी हुई नहीं है…..उनका जन्म 5 दिसंबर, 1901 को शिकागो में हुआ था…वहीं पर उन्होंने Mckinley High School से अपनी पढ़ाई पूरी की…..बचपन में ही उन्हें चित्रकारी करने का बेहद शोंक था….वो भी कार्टून्स की…उस समय लोगों को कार्टून शब्द तो दूर ये भी पता नहीं था कि चित्रकारी के द्वारा हास्य किरदार यानि कार्टून कैरेक्टरर्स भी बन सकते हैं…..ऐसी थी Walt Disney की इमैज़ीनेशन….उन्होंने ही सबसे पहले दुनियां को कार्टून्स की दुनियां से रूबरू कराया और अपनी कला से हमें कितने ही बेहतरीन कार्टून्स दिए…..यक़ीन मानिए महज़ 7 साल की उम्र में Walt ने अपना पहला कार्टून स्केच अपने एक पड़ोसी को बेच भी दिया था….।

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वैसे Walt सेना में भर्ती होना चाहते थे….लेकिन कम उम्र होने के कारण उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में वॉलंटियर की भूमिका भी निभाई…इसके बाद वो कार्टून मोशन पिक्चर्स बनाना चाहते थे…जिसके लिए वो अपने कार्टून्स के डिज़ाइन लेकर कई लोगों के पास गए…लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया….उन दिनों वो एक न्यूज़ पेपर के लिए फ्रीलांस कार्टून्स बनाया करते थे, लेकिन उस पेपर के संपादक ने उन्हें वहां से ये कहकर निकाल दिया कि वो बहुत सुस्त हैं और उनमें आर्टिस्टिक और क्रिएटिविटी की कमी है….ये बात जैसे Walt को सुनना नगवारा लगा और 19 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर ‘Iwerks-Disney Commercial Artists’ कंपनी की शुरूआत की…ये जनवरी 1920 की बात है, उस दौरान उन्होंने कई News Papers और Publishers के लिए कार्टून्स बनाने का काम किया…लेकिन यहां भी कुछ को उनका काम पसंद आया और कुछ को नहीं….कंपनी को घाटे में जाता देख उन्होंने अपनी कंपनी को छोड़ ‘Kansas City Ad Company’ में एनीमेटर की नौकरी शुरू कर दी….कुछ समय बाद अपने साथ काम करने वाले कुछ साथियों को लेकर उन्होंने ‘Laugh-O-Gram Studio’ की शुरूआत की।

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अब ये वो समय था जब Walt की किस्मत ने भी उनका साथ दिया और वो कामयाब हुए….और दो शॉर्ट एनिमेटिड फिल्में बनाईं…जिसमें उन्हें अपनी सारी पूंजी लगानी पड़ी…और अपनी कंपनी के 15 हज़ार डॉलर के शेयर शहर के लोगों को बेचने पड़े ताकि वो अपनी क्रिएटिवी को पूरा कर सकें…लेकिन इसबार फिर से तकदीर ने साथ न दिया…उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ और कंपनी का दिवालिया हो गया….Walt  का संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुआ था….उन दिनों ऐसा समय भी आया जब Walt के पास किराया तक चुकाने के पैसे नहीं थे और कई बार भूखे पेट भी सोना पड़ता था….पर न ही वो डरे…और न हीं वो मुश्किल हालातों से घबराए…..कुछ साल बाद वो Kansas City छोड़कर हॉलीवुड चले गए….हॉलीवुड पहुंचकर उन्हें कुछ छोटे-मोटे काम करने को मिल गए जिससे उनका गुज़ारा चलने लगा….इस दौरान Walt और उनके भाई रॉय ने 16 अक्टूबर, 1923 को ‘Disney Brothers Cartoon Studio’ शुरूआत की…और पहला काम उन्हें 26 दिसंबर 1923 को ‘Alice’s  Day at Sea’ कॉमेडी सीरीज़ प्रोड्यूस करने का मिला जिसके लिए उन्हें 15 हज़ार डॉलर मिले…..इसके बाद उन्हें 12 Alice कॉमेडी सीरीज़ बनाने का काम मिल गया….साथ ही उन्होंने ‘Alice in Wonderland’ और ‘Oswald the Rabbit’ भी प्रोड्यूस की जिससे उन्हें कुछ सफलता हासिल हुई लेकिन वो भी ज्यादा दिनों तक कायम न रह सकी…..इसके बाद साल 1928 Walt की ज़िंदगी का वो टर्निंग प्वाइंट था जब उन्होंने ‘Mickey Mouse’ कैरेक्टर डिज़ाइन किया और उसकी सीरीज़ बनायी….यहां तक की ‘Mickey mouse’ के लिए Walt ने अपनी आवाज़ भी दी थी….इस सीरीज़ ने इतनी कामयाबी हासिल की कि Walt को फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।

1929 से लेकर 1939 तक ‘Disney Brother’s’ ने ‘Silly Symphony’ के ज़रिये दुनियां में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी।

WALT DISNEY की कल्पना से ‘DISNEYLAND’ तक का सफर…

वॉल्ट को ज़िंदगी में कितनी ही बार हार का मुंह देखना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी अपने सपनों के साथ सौदा नहीं किया….हर बार वो अपनी सृजनात्मकता के साथ प्रयोग करते रहे…और हारते रहे….लेकिन एक दिन उनकी यही सृजन शक्ति उनकी ताकत बन गई और उन्हें कामयाबी के शिखर पर ले गई…1940 में उन्हें एक Entertaining Park बनाने का Idea आया…..

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जहां लोग अपने बच्चों और परिवार के साथ समय बिता सकें। Children fairyland की अपनी यात्रा के दौरान कईयों ने उनके इस विचार को प्रोत्साहित किया। 1955 में एक लाइव टीवी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने नए बनाये amusement park यानि ‘Disneyland’ को सबके सामने पेश किया ताकि वो लोगो के लिए आनंद और प्रेरणा का स्त्रोत बन सके….जिसे उन्होंने अपनी चित्रकारी के साथ सजाया भी था….ताकि लोग एंजॉए करने के साथ-साथ उनकी कला को भी देख सकें…..लोगों के लिए यह एक खुला और सबसे लोकप्रिय पार्क था…कुछ साल बाद उन्होंने Disneyland में वाटर पार्क, होटल, रिसोर्ट, रेस्टोरेंट्स, क्लब और थिएटर भी बनवाए….।

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“Walt Disney Company” का कारोबार आज करीब 35 अरब यूएस डॉलर के बराबर है…Walt का कहना था कि उनके जीवन की कठिनाइयों ने उन्हें मजबूती प्रदान की। अपने सृजनात्मक विचारो के द्वारा उन्होंने पूरी दुनियां में अपनी एक अलग पहचान बनाई….22 “Academy Awards” और 7 “Emmy Awards” के विजेता Walt Disney 15 दिसम्बर 1966 को दुनियां को अलविदा कह गए और अपने पीछे एक खूबसूरत, कल्पनाशील और यादगार सृजनात्मक संसार छोड़ गए…जो हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनता रहेगा….

 

संपादकः मनुस्मृति लखोत्रा