You are currently viewing यादग़ार लम्हेः वो दौर कुछ और ही था जब फिल्मी गीतों में सावन झूमता था और बरखा की फुहार कुछ भीगी यादें ताज़ा कर जाती थी…!

यादग़ार लम्हेः वो दौर कुछ और ही था जब फिल्मी गीतों में सावन झूमता था और बरखा की फुहार कुछ भीगी यादें ताज़ा कर जाती थी…!

सावन की छटा बिखेरते… आसमान में इतराते इंद्रधनुषी रंग, बारिश की झम-झम, और ठंडी हवा के झोंके जब फिल्मी गीतों की रंगत को संवारने लगे तो कुछ इस क़दर सावन बरसा कि सुर, ताल और एक्टिंग का तड़का अपने चाहने वालों पर कहर बरपा गया….आज भी अगर बारिश का मौसम हो और गर्म चाय की चुस्की के साथ 50  से 80 के दशक के फिल्मी गीत चल रहें हो तो क्या कहने, लेकिन अगर उसमें भी सावन और बारिश पर फिल्माए फिल्मी गीत चल रहें हों तो चाय का स्वाद और भी दौगुना हो जाता है, मौसम की खूबसूरती में और भी चार-चांद लग जाते हैं… और दिल कुछ इस कद़र झूम उठता है….

Song: आया सावन झूमके…..

आज चाहे मल्टीप्लैक्स का ज़माना ही क्यों न हो लेकिन जो मज़ा पुराने फिल्मी गीतों को सुन कर आता है वो आज के गीतों में कहां ?….खैर वो दौर कुछ और था और आज दौर कुछ और है,….आज की पीढ़ी के लिए आज के दशक के गीत ही बेहद खूबसूरत हैं…और पुरानी पीढ़ी के लिए उन्हीं को दौर के गीत उन्हें सुकून देते हैं…लेकिन जो बीच की पीढ़ी है, जो बचपन में हर शनिवार और रविवार को टेलीविज़न पर पुरानी हिन्दी फिल्में देखकर बड़ी हुई हैं…यानि 80 के दशक की पीढ़ी जिसने इतने कम समय में हिंदी सिनेमा को मल्टीप्लैक्स तक का सफर तय करते देखा है, वो दोनों तरह के गीतों का लुत्फ उठाते हैं। उन्हें पुराने फिल्मी गीतों से भी उतना ही प्यार है जितना कि अपने बचपन से, और आज के गीतों से भी उन्हें प्यार है…क्योंकि आज के गीत उनके बच्चों के बचपन के साथ जुड़े हुए हैं…तो ऐसे में सुनते हैं एक और यादग़ार सूपरहिट गीत…

Song: सावन का महीना पवन करे सोर… जियरा झूमे ऐसे जैसे मनवा नाचे मोर….

खैर, सावन का मौसम हो और कोई पुराना फिल्मी गीत चल रहा हो तो ऐसे में जिनके दिल में प्यार की चिंगारी ने अभी नई-नई दस्तक दी है उनके लिए ऐसे खुशनुमा मौसम में ये प्यारा सा गीत शायद उनके दिल की बात को बयां कर दे….?

Song: प्यार हुआ इकरार हुआ है प्यार से फिर क्यों डरता है दिल….

कहते हैं सावन और बारिश का एक अनोखा रिश्ता है…..वैसे बारिश की एक आध फुहार और भी मौसम में हो जाती है लेकिन सावन में बारिश की फुहार बिरहा, प्यार और तड़प अपने साथ लाती है…क्योंकि सावन एक मूड है और बारिश उस मूड में आंखों से बरसते शबनमी मोतियों की तरह हैं….यहां एक और गीत आपको सुनवाना हमारा फर्ज़ बनता है…क्योंकि बादल तो पहले भी कई बार बरसे होंगे…पहले भी कई बार मौसम भीगा सा हुआ होगा लेकिन इस बार की बारिश, सावन और मौसम कुछ ज्यादा ही बहका हुआ अगर लग रहा हो तो ये गीत आपके लिए ही है….

Song: रिम-झिम गिरे सावन..सूलघ-सूलघ जाए मन..भीगे आज इस मौसम में लगी कैसी ये अगन…

ऐसे में वो लोग भी होंगे जिनका प्यार उनसे रूठा हुआ है….उनसे कहीं दूर है….या फिर आपको भूल चुका है… उनके लिए भी हम लाए हैं एक खास गीत…जो उस रूठने वाले के लिए पेश है जिनके लिए  शायद आज भी आपने खूबसूरत यादों का सरमाया संजो कर रखा हुआ है….

Song: लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है….

चलते-चलते पेश है एक और खास गीत….जिसमें सावन, प्यार, तन्हाई, मौसम, चांद, सूरज, ढलती शाम, दिन के नज़ारे और शबनमी रात में जुगनू मानों ज़मीं पर उतरे सितारों की सौगात लाए हों,..इन सबकी खूबसूरती को अगर कोई बयां कर सकता है तो बस फिल्म पाक़ीज़ा का मीना कुमारी पर फिल्माया ये गीत….आइए सुनते हैं…और आपसे उम्मीद करते हैं कि इस ब्लॉग को #like#share#comment ज़रूर कीजिए….

Song: मौसम है आशिकाना…फिल्म पाकीज़ा

संपादकः मनुस्मृति लखोत्रा

कमेंट करने के लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स पर टाइप कीजिए..आप हमें अपने सुझाव भी दे सकते हैं और अपने लेख भी हमें भेज सकते हैं।

video courtesy: gaane sune ansune, Bollywood clasics, eagle, shemaroo