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Happiness is Free: बहुत हद तक ये आप पर निर्भर करता है कि ज़िंदगी के प्रति आपका नज़रिया कैसा है ?

बहुत कुछ हमारी सोच पर निर्भर करता है कि हम कुछ न होते हुए भी क्या  पा सकते और बहुत कुछ होते हुए भी क्या खो देते हैं। ऐसा ही एक प्रसंग कहीं पढ़ा था तो सोचा आपको भी सुनाया जाए।

एक व्यक्ति गुब्बारे बेचकर अपनी जीविका चलाता था। वह रोज सुबह घर से निकलता और अपने शहर के अलग-अलग इलाकों में गुब्बारे बेचता था। उसके पास कई रंगों के गुब्बारे होते थे ताकि बच्चों को पसंद आएं और बच्चे उन्हें खरीद लें। कई बार ऐसा भी होता कि गुब्बारों की एक भी बिक्री न होती तो वह एक गुब्बारा हवा में छोड़ देता। उड़ता हुआ गुब्बारा देखकर उसके पास कई बच्चे गुब्बारे खरीदने के लिए आ जाते थे।

फिर एक दिन ऐसा ही हुआ पूरा दिन उसका एक भी गुब्बारा नहीं बिका, तब उसने हरा गुब्बारा हवा में उड़ा दिया। उसके पास ही एक बच्चा भी खड़ा था। उसने गुब्बारे वाले से पूछा कि भय्या क्या ये लाल गुब्बारा भी हवा में ऊपर जाएगा ? गुब्बारे वाले ने बच्चे से कहा कि हां ये गुब्बारा भी ऊपर जरूर जाएगा। उसने आगे कहा कि गुब्बारे का ऊपर जाना इस बात पर निर्भर नहीं करता कि ये किस रंग का है। गुब्बारे का ऊपर जाना इस बात पर निर्भर करता है कि इस गुब्बारे के अंदर क्या है? इन गुब्बारों में गैस भरी है, इस वजह से ये गुब्बारे ऊपर जाते हैं। अगर इनमें सिर्फ हवा भरेंगे तो ये गुब्बारे ऊपर नहीं जाएंगे।

प्रसंग से शिक्षा क्या मिली ?

  • गुब्बारों की तरह ही ये बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है। सफलता हमारे रंग-रूप पर निर्भर नहीं करती है बल्कि हमारी सोच पर निर्भर करती है कि हमारे भीतर क्या छिपा है सकारात्मकता या नकारात्मकता ? जैसे गुब्बारे में यदि सिर्फ हवा भरी है तो वह ऊपर नहीं जाएगा वहीं अगर उसमें गैस भर दी जाए तो वह खुलें आसमान में बहुत ऊपर तक जाएगा ठीक वैसे ही आपकी सोच कैसी है यदि नकारात्मक है तो आप कभी जीवन में सफलता नहीं प्राप्त कर पायेंगे और यदि सकारात्मक है