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Religion & Faith: छठ पूजा क्यों मनाई जाती है, जानिए क्या है पौराणिक कथा ?

हिंदू धर्म में छठ पूजा का बड़ा महत्व है। कहते हैं कि छठ पूजा में शरीर और मन को पूरी तरह साधना पड़ता है जिस वजह से इस पर्व को हठयोग भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन छठ पूजा की जाती है। जिसे पूरे देश में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस व्रत में भगवान सूर्य की पूजा व आराधना होती है व छठी मईया के जयकारे लगाये जाते हैं।

शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना का विधान होता है व्रती सारा दिन निराहार रहते हैं और शाम के समय खीर का विशेष प्रसाद बनाकर छठ माता और सूर्य देव की पूजा करके खाते हैं। छठे दिन पूरे दिन निर्जल रहकर शाम के समय अस्त होते सूर्य को नदी या तालाब में खड़े होकर अर्ध्य देते हैं और सूर्य देव से प्रार्थना करते हैं। वैसे ये पूजा खासतौर पर पुत्र प्राप्ति के लिए की जाती है। ये पर्व बिहार, झारखंड और उत्तरप्रदेश राज्यों में विशेषतौर पर मनाया जाता है। छठ पूजा को मनाए जाने को लेकर अलग-अलग विद्वानो में अलग-अलग मत हैं।

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भगवान राम के साथ जोड़ कर देखी जाती है छठ पूजा

पौराणिक कथाओं के मुताबिक ये माना जाता है कि भगवान राम सूर्यवंशी थे इसलिए जब भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके वापिस अयोध्या लौटे तो उस वक्त उन्होंने अपने कुल देवता भगवान सूर्य की उपासना की थी व पत्नी सीता के साथ षष्ठी तिथि पर व्रत रख कर सरयू नदी में डूबते सूर्य को व सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ दिया था। इसी के बाद से ही छठी पर जनमानस सूर्य देव की आराधना करने लगे। जिसे छठ पूजा की शुरुआत भी माना जाता है। दिवाली के छः दिन बाद मनाया जाने वाला ये पर्व अत्यंत पुण्यदायक है।

छठ व्रत कथा

छठ की पौराणिक कथाओं में ये कथा भी प्रचलित हैं। दरअसल, पौराणिक शास्त्रों में इसे पांडवों की पत्नी द्रोपदी से जोड़कर भी देखा जाता है। मान्यता है कि जब पांडव जुए में अपना सारा राजपाट हार गए, तब द्रौपदी ने छठ का व्रत रखा था। द्रोपदी के व्रत के फल से पांडवों को अपना राजपाट वापस मिल गया था। इसी तरह ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी छठ का व्रत करता है उसके घर में सुख व समृद्धि आती है।

माना जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा व आराधना करने से विभिन्न बीमारियों का इलाज संभव होता है। सूर्य पूजा के साथ स्नान भी किया जाता है। इससे कुष्ठ रोग जैसे गंभीर रोग भी दूर हो जाते हैं।