You are currently viewing Happiness is free: “ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है” !

Happiness is free: “ज़िंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है” !

असल में ये जो ज़िंदगी है न इसकी रीत ही यही है…आपके रास्ते में ठोकरें आएंगी ही लेकिन एक दिन ऐसा भी आएगा जब हार के बाद जीत आपके कदमों में होगी। ज़िंदगी में अगर अपना सही रास्ता चुनना हो न !, तो इन ठोकरों, परेशानियों से जुंझने का अपना ही मज़ा है। एक बार हारोगे…दो बार हारोगे…हाहा…लेकिन एक दिन अगर जीतोगे नहीं तो अपने आप को बचाने के तरीके सीख जाओगे…और फिर एक दिन, किसी में इतना दम ही नहीं होगा कि आपको कोई हरा पाए।

ज़रा सोचिए कि अगर आपके पास कोई Problem ही न हो तो आप सुलझाएंगे क्या ?….जो चीज़ आपको आसानी से मिल जाए उसकी value  ही क्या ? अगर मुश्किलों में से निकलने का मादा नहीं रखोगे तो ज़िंदगी के तजुर्बे कैसे हासिल करोगे ? मेरा मानना है कि अगर Problem बनी है तो उसका Solution भी है। क्योंकि आपके फैसले और आपका दृष्टिकोण सिर्फ आपका है अतीत से सबक सीखते हुए उसकी छाया को अपने से दूर कीजिए। सब्र कीजिए एक दिन आपका भी आएगा लेकिन अतीत की चादर अपने ऊपर से उतार देंगे तो भविष्य बहुत सारे Ideas के साथ आपके सामने खड़ा है, उसमें से अपने मतलब के Ideas चुनते जायेंगे तो यक़ीनन मंज़िल आपके सामने खड़ी होगी।

संपादक-  मनुस्मृति लखोत्रा

अगर आप भी अपनी भावनाएं हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं तो हमें इस ID www.contact.theworldofspiritual.com or [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं।