You are currently viewing Happiness is Free: दूसरों से अपनी तुलना न करें, तुलना करनी ही है तो स्वस्थ तुलना करें !

Happiness is Free: दूसरों से अपनी तुलना न करें, तुलना करनी ही है तो स्वस्थ तुलना करें !

जब हम अपनी तुलना औरों से करने लग जाते हैं और सामने वाला जब हमें हमसे ज्यादा खुश व ताकतवर नज़र आता है ऐसे में अपने आप को दूसरों से कम आंकना हमें तनाव में ले जाता है। ऐसे लोग हमेशा ये सोचकर दुखी रहते हैं कि उनके पास दूसरे से कम है।

आपने कई बार कुछ लोगों को इस तरह की बातें करते सुना होगा, “मुझे अपनी ज़िंदगी में इंसाफ नहीं मिला। “मैं उससे ज्यादा बेहतर हूं लेकिन इनक्रीमेंट सिर्फ उसी को ज्यादा मिलता है”।“ मेरे साथ भेदभाव हुआ है।”, “मेरे आस पास ऐसे लोग हैं जिन्हें सब कुछ आसानी से मिल जाता है। कई लोगों को अपने जीवन में बिल्कुल भी दुख का सामना नहीं करना पड़ा।”, “वह कोई खास काम भी नहीं करता, फिर भी उसे मुझसे ज्यादा तारीफ मिलती है।” इस तरह की तुलना करते हुए हमारा सारा ध्यान जो नहीं हो पा रहा उसमें होता है और जो हमें करना चाहिए उसे दरकिनार कर देते हैं। हम अपना कीमती समय, ऊर्जा और भावनाएं इसी में लगा देते हैं। बजाय कि कुछ रचनात्मक कार्य करें। हम नकारात्मकता से घिर जाते हैं और फिर धीरे-धीरे निराशा हमारे मन में घर कर लेती है। ऐसे में हम भूल जाते हैं कि हम अपना ही नुकसान कर रहे हैं। समय एक ऐसी चीज़ है जो लौटकर नहीं आता और न ही किसी का इंतजार करता है। हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि हम इस दौरान अपना कितना समय बर्बाद कर रहे हैं। इसके साथ ही अपनी ऊर्जा भी नष्ट कर रहे है, इस समय और ऊर्जा को अगर हम अपनी बेहतरी के लिए किए जाने वाले काम में लगाएंगे तो हमारा ही विकास होगा। हम बेहतर इंसान बन पाएंगे और फिर हम इस तरह से किसी से अपनी तुलना करके निराश नहीं होंगे।

तुलना करना गलत नहीं है, यदि हम किसी को हराने के इरादे से नहीं, अपनी कमियों पर जीत पाने के लिए तुलना करते हैं तो वह स्वस्थ तुलना होगी। लेकिन हम सकारात्मक तुलना कम करते हैं। जो हमारे पास है, उससे हम संतुष्ट नहीं हैं और वह सब कुछ पाना चाहते हैं जो दूसरों के पास है। पद, प्रतिष्ठा, संपत्ति या कुछ और जिससे हम समझते हैं कि हमें खुशी मिल सकती है। दूसरों से अपनी तुलना हममें ईर्ष्या और असुरक्षा ही पैदा करती है। हमें चाहिए कि हम दूसरों से तुलना करने से अच्छा अपने आप में बेहतर बदलाव लाने की कोशिश करें, तो वह स्वस्थ तुलना होगी जिससे हमारे अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा और हमारी कमियां भी दूर होंगी।

मनुस्मृति लखोत्रा

 

Image courtesy-pixabay