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Happiness is Free: संयोग, सिर्फ संयोग है या Law Of Attraction ! सही वाक्यों का चयन कैसे आपकी ज़िंदगी बदल सकता है, जानिए !

पूरा ब्राह्मांड रहस्यों से भरा पड़ा है….जिसके बारे में शायद अब तक हम जो कुछ भी जान पाए हैं वो बहुत थोड़ा है..लेकिन जितना भी जाना है वो सब अदभुत, अद्वितीय और रहस्यों से भरपूर है….कहते हैं कि हमारी आवाज़ कभी नहीं मरती जो शब्द हम अपनी ज़ुबान से एकबार निकाल देते हैं वो ब्रहमांड में ही घूमते रहते हैं….लेकिन अगर हमारी ज़ुबान से किसी के लिए छूरी जितने तीखे शब्द निकल जाएं तो आप भी जानते हैं कि वो कटाक्ष किसी के दिल को कितना गहरा ज़ख्मी कर सकते हैं…इसलिए ही कहते हैं कि बोलने से पहले एक बार ज़रूर सोच लेना चाहिए…इसी तरह कई बार हमारे बोले शब्द एकदम सच हो जाते हैं…इसलिए कहते भी हैं कि कभी किसी को बद्दुआ नहीं देनी चाहिए कहीं सच ही न हो जाए..क्या ये सच में संयोग मात्र है या कुछ और ? आइए इन्हीं विचारों के पीछे छिपे रहस्य के बारे में हम बात करते हैं….।

कई बार आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा कि आपने कोई बात कही और वो अचानक सच हो गई….आपकी prediction इतनी प्रभावशाली है या फिर मात्र एक संयोग ? इसे हम कहेंगे Law of Attraction, ये एक ऐसा रहस्य है जिसके बारे में अगर आप जान गए तो कोई भी बात बोलने से पहले एक बार सोचेंगे ज़रूर। अनजाने में ही सही लेकिन अगर आपकी कही बातें अक्सर सच साबित होती हैं तो ये इसी का असर है और आपकी एनर्जी सही काम कर रही है।

असल में हम सब मानविय चुंबकों की तरह काम करते हैं….जो विचार या भावनाएं चाहे नेगेटिव हों या पोज़िटिव हम बाहर भेजते हैं वापिस ब्रह्मांड हमें उसी रूप में लौटाता है…..यानि वैसी ही भावनाएं हम अपनी ओर आकर्षित करते हैं।…जैसे यदि आप खुशी, हर्ष और उत्साह महसूस करते हैं तो आप अपनी सकारात्मक ऊर्जा बाहर भेज रहे हैं इसके विपरीत यदि आप दुख, गुस्सा, तनाव, नाराज़गी महसूस कर रहे हैं तो आप नकारात्मक ऊर्जा भेज रहे हैं…।

ये दोनों तरह की vibrations ब्रह्मांड में जाती हैं और ब्रह्मांड भी law of Attraction के माध्यम से उनका जवाब देता है लेकिन वो ये तय नही कर पाता कि आपके लिए कौन सा जवाब देना बेहतर है नकारात्मक या सकारात्मक ? वो आपके द्वारा पैदा की गई हर ऊर्जा का उसी रूप में जवाब देता है।

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अब मान लीजिए आपने कहा “मुझे झगड़ा नहीं करना हैं” आपकी तरफ से ये है पोज़िटिव जवाब लेकिन असल में आप “लड़ाई” पर ज़ोर दे रहे हैं तो आपकी एनर्जी का बहाव उसी ओर होना शुरू हो जाएगा..जबकि आपको कहना चाहिए कि “मुझे शांति चाहिए”…..बात कहने और बोलने के तरीके में फर्क समझें….क्योंकि यहां आप शांति पर फोकस कर रहें है तो आपकी एनर्जी शांति की ओर ले जाएगी..।

तो ऐसे ही अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इस्तेमाल होने वाले छोटे-छोटे वाक्यों को बदलें और फर्क देखें…

जैसेः- “मैं टेंशन नहीं लेना चाहना” इसकी बजाए कहें कि “मुझे शांति चाहिए”।

“मैं कहीं फेल न हो जाऊं” इसकी बजाए कहें “मुझे पास होना है”

“मैं अपनी नौकरी में इतना स्ट्रैस नहीं ले सकता” इसकी बजाए कहें “मुझे एक अच्छी और रोमांचक नौकरी करने में आनंद आता है”।

“मैं अपनी पत्नी से झगड़ना नहीं चाहता” इसकी बजाए कहें “मैं अपनी पत्नी से एक अच्छा रिश्ता बनाए रखना चाहता हूं”।

“मैं मोटा नहीं होना चाहता” इसकी बजाए कहें “मैं पतला होना चाहता हूं”…।

“मैं ऐसा नहीं चाहता हूं” इसकी बजाए कहें कि “मैं ऐसा चाहता हूं”।

इस तरह और भी कई ऐसे शब्द जो हम रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं जो नेगेटिविटी को दर्शाते हैं उन्हें हमें इस्तेमाल करने से बचना है फिर देखना सारी कायनात आपकी बात को पूरा करने में जुट जाएगी…।

क्योंकि हमारे विचार बहुत ही शक्तिशाली होते हैं हमारें अंदर की ऊर्जाएं भी दूसरे तक हमारे विचारों द्वारा पहुंचती हैं….क्योंकि Law of Attraction का नियम कहता है कि जो आप करना चाहते हैं आप उसकी ओर आकर्षित होना शूरू कर देते हैं और धीरे-धीरे वो बदलाव आपकी ज़िंदगी में दिखाई देने लग जाता है।

चलीए आज से हम रोजाना कि अपनी बोलचाल की Dictionary से कुछ शब्द हटा देते हैं जैसे

दुखी, बीमार, परेशानी, चिंता, दर्द, लड़ाई, झगड़ा, संघर्ष, डर, डिप्रैशन, तनाव, उधार, दुर्घटना, नफरत, हार, असफलता, नुकसान आदि

इन शब्दों को हम पूरी तरह से अपनी ज़िंदगी से निकाल तो नहीं सकते लेकिन इन शब्दों के बारे में सोचना और बोलना कम करें इसकी बजाए अच्छा, फायदा, खुशी, हंसी, आसान, सफलता जैसे शब्दों के बारे में सोचना शुरू करें और बोलें देखना आपकी चुंबकीय ऊर्जाएं ब्रहमांड से इसी तरह की खुशीयां लाना शुरू कर देंगी…।

संपादकः मनुस्मृति लखोत्रा