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क्या आप जानते हैं आपकी हैंडराइटिंग आपके व्यक्तित्व के सारे राज़ खोल सकती है ! जानिए हैंडराइटिंग स्टडी से जुड़ी कुछ खास बातें !

Happiness is Free: जी हां, आप कैसी शख्सियत के मालिक हैं आपसे ज्यादा आपकी हैंडराइटिंग आपके बारे में बता सकती है। कुछ समय पहले अमेरिका में एक नेशनल पेन कंपनी द्वारा एक रिसर्च की गई जिसमें उन्होंने बताया कि हैंडराइटिंग हमारी पर्सनैलिटी की पांच हज़ार से ज्यादा विशेषताएं बताती है।

पहले आपको ये जान लेना ज़रूरी है कि हैंडराइटिंग स्टडी या हैंडराइटिंग एनालिसिस करने की तकनीक क्या है ? इस तकनीक को ग्राफोलॉजी कहा जाता है। आजकल लोगों का आंकलन करने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाने लगा है। यहां तक कि अपने एम्पलाई का व्यवहार जानने के लिए कंपनीज़ में रिक्रूटमेंट, इंटरव्यू, काउंसलिंग व करियर प्लानिंग तक के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है। असल में व्यक्ति के व्यवहार को समझने के लिए हैंडराइटिंग एनालिसिस को बेहद विश्वस्नीय माना जाने लगा है।

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आइए जानते हैं हैंडराइटिंग एनालिसिस से जुड़ी कुछ खास बातेः-

  • स्टडी बताती है कि जो लोग तेज़ी से लिखते हैं ऐसे लोग ज्यादा उत्सुक और बेसब्र स्वभाव के होते हैं और जो लोग धीमीं गति से लिखते हैं इसका अर्थ है कि वे ज्यादा ऑर्गैनाइज़ और आत्मनिर्भर हैं।
  • स्लैंट हैंडराइटिंग- राइट स्लैंटः- अगर आपकी लिखावट में शब्द दायीं तरफ झुके हुए होते हैं तो इसका अर्थ ये होता है कि आप नए बदलाव और नए लोगों से मिलना पसंद करते हैं।
  • लेफ्ट स्लैंटः- यदि लिखावट में शब्द बायीं ओर झुके हुए हों तो इसका अर्थ है के ऐसे लोग अपने आपको सीमित रखना चाहते हैं और छुपकर ही काम करते रहना चाहते हैं।
  • जो लोग बिना स्लैंट के यानि सीधे शब्द लिखते हैं तो इसका अर्थ है कि ऐसे लोगों को स्वतंत्रता पसंद है और वे प्रैक्टिकल और लॉजिकल भी होते हैं।
  • जिनकी लिखावट में शब्दों में ज्यादा गैप होता है ऐसे लोग स्वतंत्रता पसंद करते हैं, और अगर हैंडराइटिंग में गैप कम है तो ऐसे लोग अकेले खड़े रहना पसंद नहीं करते।
  • राउंडेड लेटर्स बताते हैं कि आप क्रिएटिव हैं, जबकि पॉइंटेड लेटर्स बताते हैं कि आप एग्रेसिव और इंटेलिजेंट हैं। शब्दों को जोड़कर लिखने वाले लॉजिकल होते हैं।
  • आपकी लिखावट के एल्फाबेट के साइज़ से भी काफी कुछ पता चलता है यानि अगर आप बड़े-बड़े अक्षरों में लिखते हैं तो आप कॉन्फिडेंट और खुलकर बोलने वाले व्यक्ति हैं और सोशल एन्वॉयरमेंट पसंद करते हैं। वहीं एवरेज एल्फाबेट में लिखने वाले व्यक्ति एडजस्टेबल टाइप के होते हैं।
  • जो लोग छोटे एल्फेबेट में लिखते हैं वे शर्मीले किस्म के होते हैं और पढ़ाकू होने के साथ ही अपने काम ने दक्ष भी होते हैं।
  • राइटिंग प्रेशर से भी काफी कुछ जाना जा सकता है। जैसे जो लोग पेन पर ज्यादा प्रेशर देकर लिखते हैं ऐसे लोग अपने कमिटमेंट पर खरे उतरते हैं और गंभीर किस्म के होते हैं।
  • वहीं जो लोग पेन पर लाइट प्रेशर देकर लिखते हैं ऐसे लोग संवेदनशील होते हैं और दूसरों से सहानूभूति भी रखते हैं लेकिन इनमें उत्साह की कमी होती है।
  • किसी व्यक्ति की जब मैंटल हेल्थ बिगड़ने लग जाती है तो उसकी हैंडराइटिंग पर भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है। अल्जाइमर में लिखावट गंदी होने लग जाती है।
  • जो लोग लिखते समय कहीं डार्क और कहीं हल्का लिखते हैं ऐसे लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हो सकते हैं।
  • जिन लोगों की लिखावट में अक्षर छोटे और घने होते हैं ऐसी लिखावट को पार्किन्सन्स के लक्षण माने जाते हैं। ऐसे लोग कई बार इतना महीन लिखते हैं कि वे खुद अपनी ही लिखाई नहीं पढ़ पाते।
  • वहीं अगर जो लोग किसी वाक्य में ही अक्षर दायीं और बायीं तरफ झुके हों यानी सिनेट्री न हो तो इसे सिजोफ्रेनियां का लक्षण माना जाता है।

 

(आलेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से ली गई है जिसका उद्देश्य आपको सामान्य जानकारी देना है)

Image courtesy-Pixabay