ज़िंदगी में कौन ऐसा नहीं है जिसका भावनात्मक जुड़ाव किसी से भी न रहा हो। जैसे पैदा होते ही बच्चे का मां के साथ जो इमोशनल रिश्ता बन जाता है वो ज़िंदगी भर बना रहता है, या फिर पिता, भाई-बहन या कोई रिश्तेदार भी हो सकता है, जिससे आपको बेहद लगाव हो जाए। लेकिन ये ज़रूरी नहीं कि ये भावनात्मक रिश्ते सिर्फ खून के ही हों, ये इमोशनल रिश्ते किसी के भी साथ हो सकते हैं जिसे आप पसंद करते हों। जहां आपको अपने जज़्बातों को बयां करने की भी ज़रूरत नहीं होती.. यानि इमोशनल बाउंडिंग इतनी ज़बरदस्त…कि बस दिल की बात आंखों से ही समझ ली जाती है। इमोशनल रिलेशन आपकी पत्नी, प्रेमिका, दोस्त या फिर आपके किसी रोल मॉडल के साथ भी हो सकते है। जहां आपको अपनी हर बात शेयर करके सबसे ज्यादा अच्छा महसूस होता हो।
दरअसल, हमारा मन समुद्र की लहरों की तरह चंचल होता है, जिसकी कोई सीमा नहीं होती…पल भर में मन में आते-जाते विचार आपकी भावनाओं को बनाते-बिगाड़ते हैं, लेकिन ये भावनाएं ही तो हैं जो हमें अपनों से जोड़े रखती हैं।
कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिनका कोई नाम नहीं होता और यक़ीन मानिए ऐसे रिश्ते दिल के बेहद करीब होते हैं। जहां एक-दूसरे के प्रति प्यार, समर्पण और अपनेपन का भाव होता है। ये ज़रूरी नहीं कि ऐसे रिश्तों के बीच कोई शारीरिक आकर्षण भी हो। ऐसे रिश्तों में कोई उम्र का बंधन नहीं होता और न ही दूरीयां आपके प्रेम को कम करती हैं। ऐसे रिश्ते बेश्कीमती होते हैं जहां अपनों से भी ज्यादा अपनापन होता है। जहां किसी से न ही कोई इच्छाएं होती और न ही कोई स्वार्थ….और जहां किसी से कोई इच्छाएं या मतलब नहीं होता वो रिश्ते डिवाइन होते हैं। हम उन्हें ही कई बार भगवान का नाम दे देते हैं। दूर रहकर भी ऐसे कई दोस्त आपके लिए सच्चे मन से हमेशा दूआ मांगते हैं। ऐसे ही खूबसूरत रिश्तों के लिए पेश एक प्यारा सा..दिल को छू लेने वाला गीत….
जो भेजी थी दूआ वो जाके आसमां से यू टकरा गई के आ गई लौट के है सदा….
https://www.youtube.com/watch?v=Y0Y7dUFIxk0&list=RDY0Y7dUFIxk0&start_radio=1&t=6
अच्छा है कि आज की भागती-दौड़ती ज़िंदगी में जहां रिश्तों की अहमियत बेनामी का लिबास पहनती जा रही है वहां आज भी दिल को सूकून देने वाले ऐसे रिश्ते ज़िंदा है, नहीं तो बिखरते परिवारों और रिश्तों में कम होती मानसिकता में भी आजकल हर किसी का दम घुटने लगा है। ऐसे में ज़रूरी है कि कुछ ऐसे भावनात्मक रिश्तों को संजोकर रखा जाए, ताकि जहां उसे कहां जाए कि…..
जब कोई बात बिगड़ जाए..कोई मुश्किल आ जाए तुम देना साथ मेरी ओ हम नवाज़…
मनुस्मृति लखोत्रा
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