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Way to Spirituality: यदि आपको प्रकृति के रहस्यों को जानकर आश्चर्य नहीं होता तो आप अभी निद्रा में हैं !

सृष्टि और प्रकृति अजीबोगरीब रहस्यों से भरपूर है, इसे जिनता जानने की कोशिश करें रहस्य उतना ही गहरा जाता है, प्रकृति अपना सृजनात्मकता का कार्य बड़े ही रहस्यमय ढंग से पूरा करती है, क्योंकि प्रकृति अपने बच्चों से बेहद प्यार करती है, जैसे रात को सोने के लिए हम लाइट बंद कर देते हैं ताकि हमें आराम से नींद आए, ठीक वैसे ही प्रकृति रात्रि में दुनियां को अंधकार से ढक देती है ताकि उसकी कोई भी संतान चाहे वो मानव, जीव, जन्तु या वनस्पति ही क्यों न हो वो चैन की नींद सो सकें और फिर प्रातः नई ऊर्जा के साथ दिन का आरम्भ कर सकें। जैसे किसी मां के बच्चे जब नींद से जगें तो उन्हें चारों और रोशनी दिखे ताकि वो अपने सारे काम समय पर और सलीके के साथ करें।

ऐसी कोई तो शक्ति है जिसकी चुंबकीय शक्ति से अनादिकाल से संपूर्ण जगत गतिमान है। इस संसार को न कोई चलाने वाला दिखाई देता है और न ही ऐसी किसी व्यवस्था का पता चल पाया है जिस व्यवस्था से संपूर्ण ग्रह, नक्षत्र, तारे एक ही गति से चलाएमान हैं, जैसे वे सब किसी के दिशानिर्देश का पालन कर रहे हों। विज्ञान इसे बिग-बैंग का नतीजा समझता है जिसके बाद ये सब घटित हुआ लेकिन अभी भी बहुत कुछ समझना बाकी है।

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प्रकृति के कुछ रहस्य ऐसे हैं जो अनादिकाल से गुप्त रूप से हो रहें हैं जो हमारे पवित्र संस्कारों में आते हैं, वो हैः-

जनन रहस्यः- जन्म भी एक रहस्य है। एक आत्मा किस प्रकार शरीर धारण करती है, किस प्रकार अपने लिए जन्म-स्थान, समय, शरीर का प्रकार, माता-पिता का चुनाव करती है। ये रहस्य आज भी गुप्त रूप से घटित होता है। विज्ञान आज भी उसके कारण नहीं जान पाया है।

मरण रहस्यः- मृत्यु का रहस्य भी बहुत गोपनीय है। आत्मा का शरीर छोड़ना, मृत्यु के बाद आत्मा कहां जाती है, उसका क्या होता है, उसके बाद की यात्रा एक रहस्य ही है।

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प्रकृति रहस्यः- प्रकृति अपने आप में ही एक रहस्य है, सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन होना, मनुष्य का सभी जीवों से सर्वोपरि होना, वैसे मनुष्य को भगवान का प्रतिबिंब भी समझा जाता है, यदि निराकार पारब्रह्म के आकार-प्रकार की कल्पना की जाए तो क्या वो मनुष्य जैसे दिखाई देते हैं ? मनुष्य का जन्म क्या ईश्वर की सत्ता को समझने के लिए ही हुआ है तो फिर ईश्वरीय सत्ता, विज्ञान, धर्म, वेद-शास्त्र, भौतिकता ये सब क्या हैं ? और क्यों हैं ? ये सब प्रकृति के रहस्य ही तो हैं !

मंत्र रहस्य- मंत्र जाप, मंत्र सिद्धी, उनके प्रभाव, कार्यप्रणाली यह सब भी रहस्य ही हैं जो कि विज्ञान की समझ से बाहर की बातें हैं। मंत्रोच्चार, चेतना से प्रस्फुटित एक दिव्य तरंग है और चेतना भी रहस्य है।

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इसके अलावा नदियां, झरने, समुद्र, पहाड़, वादियां, बरखा और बादल ये सब प्रकृति के ही तो नैन-नक्श हैं। जो व्यक्ति इस अदभुत प्रकृति को जानकर आश्चर्यचकित नहीं होता यानि कि उसकी आंखें अभी खुली नहीं हैं अभी भी वो गहरी निद्रा में है।

 

संपादकः मनुस्मृति लखोत्रा

 

Image courtesy- Pixabay