Janmashtami Special: “सम्भवामि युगे युगे”…

#सम्भवामि_युगे_युगे_02 "जब संसार दु:खों और तकलीफ से चित्कार करता हुआ ---आर्त्तनाद करते हुए प्रकट या अप्रकट रूप से ' त्राहि माम् ! त्राहि माम् ! ' करने लगता है (…

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Janmashtami Special: क्या है श्रीकृष्ण का कर्मयोग अर्थात कर्म में योग !

कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् | जीवन में जितनी संपत्ति बढ़ती है उतना खालीपन भी बढ़ता है। आज आधुनिक मानव की सुविधाओं का स्तर बढ़ गया है । पर क्या मानव सुखी…

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