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डेंगू एवं संक्रमण से बचने के लिए कारगर उपाय है अग्निहोत्र हवन, जानिए

डेंगू की समस्या फैली हुई है। डेंगू एवं सभी संक्रमण (इंफेक्शन) से बचने के लिए एक बहुत कारगर उपाय है अग्निहोत्र हवन।
Yashendra
लेखक – राय यशेन्द्र प्रसाद
संस्थापक, आर्यकृष्टि वैदिक साधना विहार
वैदिक संस्कृति के अन्वेषक, लेखक, फिल्मकार
भू.पू. सीनियर प्रोड्यूसर एवं निर्देशक, ज़ी नेटवर्क
भू.पू. व्याख्याता ( भूगोल एवं पर्यावरण), मुम्बई
इसे करने में 15 सेकेंड लगते हैं। सब मिला कर अधिकतम 5 मिनट। 
-दो चुटकी अक्षत चावल
-दो चम्मच गाय का घी
-गाय के गोबर का एक कण्डा (चिपड़ी)
– थोड़ा सा कपूर
– सिर्फ दो आहुति ( दो मंत्रों के साथ) exactly सूर्योदय और सूर्यास्त के समय। आप जहाँ हैं वहाँ के स्थानीय (लोकल) समय के अनुसार। गूगल से पता चल जाता है।
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तांबे का हवन कुण्ड ही होना चाहिए। गाय का ही घी चाहिए और गाय के गोबर के ही कण्डे। दूसरा कुछ नहीं चलेगा। समय या सामग्री में जरा भी परिवर्त्तन हुआ तो असर नहीं होगा।
इससे वातावरण के लगभग सभी pathogenic ( नुकसानदेह) संक्रामक कीटाणु खत्म हो जाते हैं।
नेशनल केमिकल लेबोरेटरी, पुणे, और Defence Institute of Physiology & Allied Sciences, Delhi, के वैज्ञानिकों के अग्निहोत्र हवन के शोध पर मैंने बहुत पहले एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। DIPAS के तत्कालीन डायरेक्टर डॉ. डब्ल्यू. सेल्वमूर्त्ति ने स्वयं इसपर शोध किया था। कई अन्य संस्थानों में भी इसपर शोध हुए हैं। 
अग्निहोत्र कमाल की चीज़ है। यह आर्यों के दैनन्दिन कर्मों का भाग है जिसे लोग भूल गए हैं। कोई भी यज्ञोपवीत (जनेऊ)-धारी स्त्री-पुरुष इसको कर सकते हैं। हर तरह के रोगों में इससे लाभ मिलता है। दुःसाध्य रोगों में भी। ऐसे भी इससे बहुत फायदे हैं। कृषि एवं बागवानी में यदि इसे खेत मे किया जाए तो बहुत लाभ है। डेयरी में भी अग्निहोत्र से लाभ होता है। 
उस दिन के सूर्योदय एवं सूर्यास्त के स्थानीय समय के ठीक पहले घड़ी सामने कर ऊनी कम्बल पर बैठ जाएँ एवं अग्नि प्रज्ज्वलित कर लें। कण्डों में कपूर एवं घी के सहारे अग्नि प्रज्ज्वलित कर लें। जैसे ही घड़ी समय बताए, अनामिका, मध्यमा एवं अँगूठे से घी में मिले अक्षत चावल की दो आहुति डाल दें। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के मंत्र अलग-अलग हैं। फिर शांति से कुछ देर बैठे रहें। 
अधिक जानकारी एवं मदद के लिए संपर्क करें: *आर्यकृष्टि वैदिक साधना विहार चैरिटेबल ट्रस्ट*, पटना। ईमेल: [email protected]