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Religion & faith : आखिर पीपल को इतना पवित्र क्यों माना जाता है ? जानिए वैज्ञानिक व धार्मिक कारण !

हिंदू धर्म में कुछ ऐसे पेड़-पौधे हैं जो बेहद पूजनीय हैं व उनके पीछे कई मान्यताएं भी हैं, लेकिन पीपल वृक्ष को सबसे सुद्ध और पूजनीय माना गया है। इसे विश्व वृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहा जाता है। जिसकी पूजा करने से कई परेशानियों का समाधान होता है जिसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। शनिवार को शनिदेव के साथ पीपल की भी पूजा की जाती है जिसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से हरेक काम में सफलता मिलती है। पीपल के पेड़ के लिये गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है- मैं समस्त वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं।

आइए इसके वैज्ञानिक कारण जान लेते हैः-

अधिकतर पेड़ दिन में ऑक्सीज़न छोड़ते हैं और कार्बनडाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और रात में कार्बनडाइऑक्साइड छोड़ते हैं और ऑक्सीज़न लेते हैं इसी वजह से कहा जाता है कि रात को वृक्ष के नीचे नहीं सोना चाहिए, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो 24 घंटे ऑक्सीज़न छोड़ता है, इसलिए इसके पास जाने से कई रोग दूर होते हैं।

अब इसके पीछे के धार्मिक कारणों को जान लेते हैः-

पीपल के वृक्ष के पूजन के पीछे रोचक धार्मिक कारण भी हैं। श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि ‘अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम, मूलतो ब्रहमरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे, अग्रत: शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नम:’ यानी मैं वृक्षों में पीपल हूं। पीपल के मूल में ब्रह्मा जी, मध्य में विष्णु जी व अग्र भाग में भगवान शिव जी साक्षात रूप से विराजित हैं। भारतीय परंपरा में भी पेड़ पौधों को देवताओं का रुप मानकर पूजा जाता है। इन्ही कारणों से पीपल को देवता मान कर पूजन किया जाता है।

पीपल की पूजा के लाभ भी जान लीजिएः-

पीपल के पेड में दिया जलाने और जल चढ़ाने से कई समस्याओं का समाधान होता है। शनिवार के दिन पीपल की जड़ में दीपक जलाने के शनि दोष दूर होता हैं। इसके साथ ही पीपल के पेड़ के लिये ऐसा माना जाता है कि इसके तने में विष्णु और लक्ष्मी जी का निवास होता हैं।शत्रुओं का नाश होता है, सुख-संपत्ति, धन-धान्य, ऐश्र्वर्य एवं संतान सुख की प्राप्ति होती है। ग्रह दोष का भी निवारण होता है। अमावस्या और शनिवार को पीपल की पूजा करने का काफी महत्व है। इस दिन पीपल के नीचे दिया जलाने से व जल चढ़ाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता व शत्रु पर विजय प्राप्ति होती है और रुके हुए काम बनने लग जाते हैं। हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष का काटना वर्जित है, मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों को कष्ट मिलता है और वंशवृद्धि में भी रुकावट होती है।