Poetry Breakfast: “वो शायर था, चुप सा रहता था”: गुलज़ार
उनकी नज़मों में समुंद्र सी गहराई है, जिसमें गोता खाए बिनां उनके अर्थ जानना नामुमकिन है। भाव भी इतने गहरे कि समझते जाओ और अर्थ रूपी बेश्कीमती हीरे ज्वाहरात समेटते…
उनकी नज़मों में समुंद्र सी गहराई है, जिसमें गोता खाए बिनां उनके अर्थ जानना नामुमकिन है। भाव भी इतने गहरे कि समझते जाओ और अर्थ रूपी बेश्कीमती हीरे ज्वाहरात समेटते…
80 का वो दशक जब एक ऐसी शख्सियत ने अपनी आवाज़ से जगराता (जागरण) की दुनियां में अपना परचम लहराया था, जब उस दौर में (पंजाब या उत्तर भारत) घरों…
देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी, एक लोकप्रिय जननायक व साहित्य जगत के उमदा कवि व लेखक। जिनकी कविताएं संसद से लेकर राजनीतिक गलियारों में आज भी…
उर्दू के अज़ीम शायर कैफ़ी आज़मी, जिन्होंने अपनी शायरी व गीतों से अपना एक अलग मुकाम हासिल किया। उन्होंने लोगों के दिलों में उस वक्त दस्तक दी जब शायरी और…
कविता, गज़ल, शायरी एक ऐसा ज़रिया है जिसके माध्यम से किसी की भी रूह से रिश्ता जोड़ा जा सकता है। यहां शायरी के बेताज बादशाह साहिर का नाम लिया जाए…